बिहार शिक्षकों की भारी कमी से जूझ रहा है। जिसका असर बिहार की शिक्षा पद्धति पर पड़ रहा है। इसको लेकर आरजेडी चीफ लालू प्रसाद यादव के बड़े बेटे और पूर्व स्वास्थ्य मंत्री तेज प्रताप यादव ने नीतीश सरकार पर निशाना साधा है।
तेजप्रताप ने ट्वीट करते हुए लिखा-‘बिहार में बहार है, यहां शिक्षकों की कमी और चूहों की भरमार है। यही वो सुशासन की सरकार है, जहां हताश अभ्यर्थी और बेरहम सरकार है’।
तेज प्रताप के ट्वीट के बाद यूजर्स ने भी अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। अंकित प्रताप ने के यूजर ने लिखा- ‘ यह तो पिछले 50 साल से है, आज कौन सी नई बात है। सूर्यकांत नाम के एक यूजर ने लिखा-‘ आश्वासन नहीं विज्ञप्ति चाहिए, मानसिक पीड़ा से मुक्ति चाहिए’।
बीपीएससी पेपर लीक मामले में बिहार सरकार को घेर चुके हैं तेजप्रताप
बिहार लोक सेवा आयोग (बीपीएससी) की 67वीं संयुक्त (प्रारंभिक) प्रतियोगिता परीक्षा में पेपर लीक होने पर आरजेडी विधायक तेज प्रताप यादव ने ट्वीट कर सरकार पर हमला बोला था। उन्होंने ट्वीट करते हुए लिखा था, ‘नाकामी की पराकाष्ठा पार कर चुकी इस कुशासन को तनिक शर्म भी नहीं आती, बीपीएससी जैसी प्रतिष्ठित परीक्षा को भी आरसीपी टैक्स के हवाले बेच दिया! #BPSCpaperleak से बिहार शर्मसार हुआ है. जात-पात, कुर्सी की लालच और पार्टी फंड के चक्कर में बेरोजगार युवाओं के भविष्य से खिलवाड़ बंद कीजिए साहिब!’
इससे पहले राजद नेता तेजस्वी यादव ने राज्य सरकार से पूछा था कि बिहार में शिक्षकों के तीन लाख से अधिक पद रिक्त होने और भारी बेरोजगारी के बावजूद शिक्षक बहाल करने में ऐसा ढुलमुल और लचर रवैया क्यों? उन्होंने कहा था कि युवाओं की नौकरी व रोजगार को लेकर 16 साल से राज्य की एनडीए सरकार बिल्कुल भी गंभीर नहीं है।
तेजस्वी यादव ने कहा कि ऐसा लगता है कि वो मानते हैं कि बेरोजगारी, नौकरी, महंगाई, शिक्षा-स्वास्थ्य और विकास जैसे मुद्दों पर नहीं, बल्कि जाति-पाति और धर्म के नाम ही उनको वोट मिलते हैं। उन्होंने कहा कि नीतीश सरकार को रोजगार के मुद्दे पर न दर्द है, न शर्म है और न ही संवेदना है। इतना ही नहीं उनको अपनी वादाखिलाफी का डर भी नहीं है। सरकार को न वर्तमान की चिंता है और न ही भविष्य की।