मुलायम कुनबे मे एका की खबरों के बाद भी समाजवादी पार्टी में अभी सब कुछ ठीक नजर नहीं आ रहा है। ऐसी संभावनाएं नजर आ रही है कि इटावा के जसवंतनगर से विधायक रहते हुए ही समाजवादी पार्टी की मुख्यधारा से अलग-थलग पड़े पूर्व सपा प्रदेश अध्यक्ष शिवपाल सिंह यादव फरवरी माह में आर-पार की लड़ाई का एलान कर सकते हैं ।
इटावा के बसरेहर स्थित जनसहयोगी बालिका इंटर कालेज में कालेज में सभागार और पुस्तकालय के लोकार्पण के दौरान बातचीत में शिवपाल ने साफ-साफ कहा कि अब और ज्यादा इंतजार नहीं किया जाएगा। बहुत कुछ देख लिया है, अपने-पराए सभी जाहिर हो गए हैं। अक्तूबर से लेकर जनवरी तक जितना समय देना था दे दिया, नेताजी का आशीर्वाद सदैव मिलेगा। फरवरी में आर-पार का फैसला होगा। अखिलेश यादव और मुलायम सिंह यादव के प्रति नरमी रखते हुए उन्होंने पार्टी के कई प्रमुख अन्य नेताओं के खिलाफ बिना नाम लिए काफी नाराजगी का इजहार किया।
शिवपाल के एक करीबी सपा नेता ने बताया कि बात न माने जाने से नेताजी भी व्यथित हैं। वे भी शिवपाल के साथ आ सकते हैं। ऐसा होने पर समाजवादी लोकदल के रूप में नया दल बनाकर प्रदेश में समाजवादियों को एकजुट किया जाएगा। नेताजी के खुलकर सामने न आने पर वे कांग्रेस का थामन थाम सकते हैं। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी और प्रदेश अध्यक्ष राज बब्बर सहित अन्य नेताओं से वार्ता चल रही है।
पिछले साल 30 दिसंबर को इटावा के जिला सहकारी बैंक परिसर मे हुई एजीएम में शिवपाल सिंह और उनके समर्थकों की गाड़ियों से उतरे हुए पार्टी के झंडों ने एक नए राजनैतिक मिजाज की ओर इशारा दिया। लेकिन शिवपाल सिंह यादव ने झंडा उतारे जाने के मुद्दे पर साफ किया कि उनकी गाड़ी दिल्ली मे सर्विस के लिए गई हुई है जिसमे झंडा लगा हुआ है। लेकिन इस गाड़ी मे झंडा लग नहीं सकता है, इसलिए नहीं लगा है। उनके समर्थकों के झंडे उतरे होने के मुद्दे पर उन्होंने कहा कि इस बात का जवाब तो कार्यकर्ता ही बेहतर दे सकते हैं।