महाराष्ट्र में उद्धव ठाकरे सरकार और राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी के बीच टकराव अब खुलकर सामने आने लगा है। एक दिन पहले ही उत्तराखंड के लिए निकल रहे राज्यपाल के विमान को सरकार की तरफ से उड़ान की अनुमति नहीं मिली थी। इसे लेकर भाजपा ने शिवसेना पर जमकर निशाना साधा था। हालांकि, शिवसेना ने पलटवार करते हुए सामना के संपादकीय में गवर्नर पर हमला बोला है।
सामना में शिवसेना ने राज्यपाल को सरकारी विमान न दिए जाने की घटना का जिक्र करते हुए बताया कि राज्यपाल को सरकारी विमान से उनके गृह राज्य जाना था, लेकिन महाराष्ट्र सरकार ने उन्हें विमान के इस्तेमाल की अनुमति नहीं दी। शिवसेना ने सवाल उठाते हुए कहा कि राज्यपाल के कार्यालय ने विमान उड़ाने की अनुमति मांगी थी और दो दिन पहले ही सरकार द्वारा अनुमति न दिए जाने के बावजूद भी राज्यपाल विमान में जाकर बैठ गए। सामना में शिवसेना ने राज्यपाल के व्यवहार पर सवाल उठाते हुए कहा, ऐसी हठधर्मिता की वजह क्या है?
सामना में कहा गया कि राज्यपाल का यह दौरा निजी था, इसलिए सरकारी विमान के इस्तेमाल की मंजूरी नहीं दी सकती। ऐसी जानकारी दिए जाने के बाद भी राज्यपाल विमान में बैठ गए। शिवसेना ने अपना बचाव करते हुए यहां तक कह दिया कि राज्यपाल ही क्या मुख्यमंत्री को भी निजी जरूरतों के लिए सरकारी विमान के इस्तेमाल की इजाजत नहीं है। साथ ही सामना में गवर्नर को राजनीतिक कठपुतली तक करार दिया गया और कहा कि वे भाजपा के एजेंडे पर नाचने के लिए मजबूर हैं।
राज्यपाल से क्या हुआ था वाकया?: बता दें कि कोश्यारी को गुरुवार को उत्तराखंड के मसूरी में लाल बहादुर शास्त्री एकेडमी ऑफ एडमिनिस्ट्रेशन के एक कार्यक्रम में हिस्सा लेने पहुंचना था। हालांकि, जब राज्यपाल विमान में बैठने निकले, तो उन्हें बताया गया कि उनकी फ्लाइट को उड़ान भरने की इजाजत नहीं मिली। इसके बाद कोश्यारी को वीवीआईपी जोन में करीब आधे घंटे तक इंतजार करना पड़ा। बाद में कोश्यारी को कमर्शियल फ्लाइट से रवाना होना पड़ा। बताया गया है कि इस बारे में राजभवन की तरफ से दो फरवरी को ही राज्य सरकार को सूचना दे दी गई थी।
गौरतलब है कि राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी और महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के बीच मनमुटाव कोई पुराना नहीं है। महाराष्ट्र में जब चुनाव के बाद कोश्यारी ने अचानक ही सुबह देवेंद्र फडणवीस को सीएम पद की शपथ दिलाई थी, तबसे शिवसेना उनका विरोध कर रही है। इसके बाद उद्धव के सीएम बनने से लेकर अब तक उनके राज्यपाल से कई मुद्दों पर मतभेद रहे हैं।