हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला के संजौली में बने मस्जिद का मामला काफी समय से गरमाया हुआ है। इस मस्जिद के अवैध हिस्से को गिराने को लेकर लंबे समय से विरोध प्रदर्शन किया जा रहा था। इसी बीच नगर मामले में शिमला की नगर निगम कोर्ट के आदेश को मुस्लिम पक्ष ने जिला कोर्ट में चुनौती दी थी। जहां से मस्जिद पक्ष को बड़ा झटका मिला है। जिला अदालत ने शिमला नगर निगम द्वारा संजौली मस्जिद के अवैध हिस्से को गिराने के आदेशों पर रोक लगाने से इनकार कर दिया है।

11 नवंबर को फिर होगी सुनवाई

मुस्लिम वेलफेयर सोसाइटी के सदस्य और ऑल हिमाचल मुस्लिम लीग के प्रवक्ता नजाकत अली की ओर से शिमला जिला अदालत में याचिका दाखिल की गई थी। इस मामले पर बुधवार को कोर्ट ने सुनवाई करते हुए नगर निगम कोर्ट के आदेश पर रोक लगाने से इनकार कर दिया। इस मामले में कोर्ट अगली सुनवाई 11 नवंबर को फिर करेगा।

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मस्जिद के अवैध हिस्से को गिराने के आदेश के खिलाफ कोर्ट में अपील की गई थी। इस मामले में मुस्लिम पक्ष की ओर से अपील की गई है कि इस मामले को लेकर मुस्लिम समुदाय की भावनाएं जुड़ी हैं। इस वजह से उन लोगों का भी पक्ष कोर्ट को सुनना चाहिए। इस मामले में याचिकाकर्ता मुस्लिम वेलफेयर सोसाइटी के वकील विश्व भूषण ने बताया कि नगर निगम आयुक्त के आदेश पर मस्जिद को गिराने का आदेश दिया गया था। जिसको रोकने के लिए जिला न्यायालय में अपील की गई है। इस मामले में 11 नवंबर को सुनवाई होगी। हालांकि अभी तक कोर्ट ने नगर निगम के आदेश पर रोक नहीं लगाया है।

बीते 5 अक्टूबर को शिमला नगर निगम आयुक्त भूपेंद्र अत्री ने संजौली मस्जिद के अवैध हिस्से में हुए निर्माण को गिराने का आदेश दिया था। दरअसल कुछ समय पहले संजौली में बने मस्जिद के अवैध निर्माण को लेकर काफी बवाल हुआ था। इस मस्जिद के विवादित तीन मंजिला अवैध निर्माण को गिराने का आदेश हुआ था। नगर निगम के आदेश के बाद मस्जिद कमेटी ने अवैध हिस्से को गिराना शुरू कर दिया है।