दिल्ली की पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित ने 400 करोड़ रुपए के वाटर टैंकर घोटाले से उन्हेंं जोड़ने के आरोपों को राजनीति से प्रेरित बताया। एक दिन पहले ही उपराज्यपाल नजीब जंग ने दिल्ली सरकार की भ्रष्टाचार निरोधक शाखा से इसकी जांच कराने के निर्देश दिए थे। कांगे्रस की वरिष्ठ नेता ने इस जांच के समय पर भी सवाल उठाते हुए कहा कि इसका तब आदेश दिया गया है जबकि पंजाब और उत्तर प्रदेश में अहम विधानसभा चुनाव की तैयारियां गति पकड़ रही हैं। उन्होंने यह भी संकेत दिया कि जंग के पास मामले में जांच का आदेश देने का राजनीतिक दबाव हो सकता है। उन्होंने याद दिलाया कि वे आप सरकार की कई अन्य सिफारिशों पर कोई फैसला नहीं कर पाए हैं।
शीला ने कहा कि आरोप राजनीतिक रूप से पे्ररित हैं। वाटर टैंकर खरीदने का फैसला मेरा नहीं था। यह एक बोर्ड का सामूहिक फैसला था जिसमें डीजीबी के सीईओ, इंजीनियर व विशेषज्ञ थे। भाजपा के एक विधायक व नगर निगम के दो पार्षद भी फैसला प्रक्रिया में भागीदार थे। जांच के समय पर सवाल उठाते हुए कांगे्रस नेता ने कहा कि इससे यह साफ हो जाता है कि मेरे खिलाफ एक सोचा-समझा अभियान चलाया जा रहा है। इस बात को लेकर अटकलें थीं कि दीक्षित को अगले साल उत्तर प्रदेश में होने वाले विधानसभा चुनाव में मुख्यमंत्री पद के लिए पार्टी का चेहरा बनाया जा सकता है या पंजाब में विधानसभा चुनाव में प्रचार के दौरान कोई अहम भूमिका दी जा सकती है। उन्होंने कहा कि मुझे खरीद प्रक्रिया के ब्योरे याद नहीं हैं। लेकिन मैं विश्वासपूर्वक कह सकती हूं कि एक पारदर्शी प्रक्रिया अपनाई गई थी। आरोप पूरी तरह से निराधार हैं।
जंग ने शीला से जुड़े कथित 400 करोड़ रुपए के वाटर टैंकर घोटाले पर तथ्य अन्वेषण समिति की रिपोर्ट को गुरुवार को आगे की जांच के लिए एसीबी के पास भेज दिया था। दिल्ली जल बोर्ड की इस रिपोर्ट को आप सरकार ने सीबीआइ या दिल्ली की भ्रष्टाचार निरोधक शाखा से जांच कराने के लिए जंग के पास भेजा था। यह जांच कराने की भाजपा नेता विजेंद्र गुप्ता लगातार मांग कर रहे थे। जलमंत्री कपिल मिश्र ने शुक्रवार को कहा कि भाजपा दिल्ली की पूर्व मुख्यमंत्री को बचाने का प्रयास कर रही है। उन्होंने कहा कि कांगे्रस नेता के खिलाफ घोटाले में सभी साक्ष्य उन्होंने जंग को दे दिए हैं। अब यह भाजपा सरकार पर है कि कदम उठाए और उन्हें जेल भेज दे। एसीबी प्रमुख एमके मीणा ने कहा कि मामले के सभी पक्षों की जांच की जाएगी, जिसमें यह भी शामिल है कि क्या आप सरकार फाइल को दबा कर बैठी थी। मिश्र ने 12 जून को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और जंग को पत्र लिखकर शीला के खिलाफ कथित वाटर टैंकर घोटाले की सीबीआइ या एसीबी से जांच कराने को कहा था।