बदलते बयानों के कारण सीबीआइ ने कराया पॉलीग्राफ परीक्षण
’सीबीआइ सूत्रों ने दावा किया कि यह परीक्षण जरूरी हो गया था क्योंकि कहा जा रहा है कि मुखर्जी ने हत्याकांड के प्रमुख पहलुओं पर कई बार अपने बयान बदले और उनके जवाब विश्वसनीय नहीं लग रहे। ’एजंसी ने मुखर्जी का यह परीक्षण करने के लिए एक विशेष अदालत से इजाजत ली थी। एजंसी को मुखर्जी को सोमवार को मुंबई में विशेष अदालत में पेश करना है, जिसने उनकी हिरासत सीबीआइ को सौंपी थी।
शीना बोरा हत्या कांड के अरोपी पीटर मुखर्जी का शनिवार को यहां सच से सामना कराया गया। केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआइ) ने पूर्व मीडिया कारोबारी पीटर मुखर्जी की सौतेली बेटी शीना बोरा के तीन साल पहले हुए सनसनीखेज हत्याकांड मामले के विभिन्न पहलुओं पर उनके बयानों के सत्यापन के लिए उनका पॉलीग्राफ (झूठ पकड़ने वाला) परीक्षण कराया। सीबीआइ सूत्रों ने कहा कि अधिकारियों ने इस परीक्षण के दौरान पीटर से अपराध के बारे में, उनकी पत्नी इंद्राणी मुखर्जी के साथ उनकी बातचीत और उनके अपने बयान के बारे में ढेरों सवाल पूछे। लाई डिटेक्टर परीक्षण किसी व्यक्ति के सामने किसी अपराध से जुड़े सवाल रखे जाने पर उसके शरीर में होने वाले बदलाव के सिद्धांत पर आधारित है।
सीबीआइ सूत्रों ने दावा किया कि यह परीक्षण जरूरी हो गया था क्योंकि कहा जा रहा है कि मुखर्जी ने हत्याकांड के प्रमुख पहलुओं पर कई बार अपने बयान बदले और उनके जवाब विश्वसनीय नहीं लग रहे। मुखर्जी (60) को पूछताछ के लिए सुबह यहां केंद्रीय फोरेंसिक विज्ञान प्रयोगशाला ले जाया गया। उन्होंने कहा कि परीक्षण के दौरान कक्ष में केवल वैज्ञानिक और मुखर्जी मौजूद थे।
मुखर्जी से परीक्षण के दौरान जो सवाल पूछे जाने थे, उनकी सूची परीक्षण करने वाले सीएफएसएल विशेषज्ञ को सौंपी गई। सूत्रों ने दावा किया कि कुछ जवाब झूठ की ओर इशारा करते हैं लेकिन फिलहाल कोई निष्कर्ष नहीं निकाला जा सकता क्योंकि रिपोर्ट अभी एजंसी को नहीं सौंपी गई है। उन्होंने कहा कि मुखर्जी ने झूठ बोला या नहीं, इसका पता एजंसी की ओर से सीएफएसएल से पूरी रिपोर्ट प्राप्त होने के बाद ही चलेगा। सीबीआइ ने दावा किया कि गिरफ्तार होने और फंसने का डर व्यक्ति को तथ्य छिपाने के लिए प्रेरित करता है और इससे अनियंत्रित मनोवैज्ञानिक प्रतिक्रियाएं होती हैं जिसे पॉलीग्राफ नाम के उपकरण से मापा जाता है।
एजंसी ने मुखर्जी का यह परीक्षण करने के लिए एक विशेष अदालत से इजाजत ली थी। एजंसी को मुखर्जी को सोमवार को मुंबई में विशेष अदालत में पेश करना है, जिसने पीटर को सीबीआइ की हिरासत में सौंपा था। मुखर्जी को 19 नवंबर को हिरासत में लेने के बाद से सीबीआइ ने उनसे गहन पूछताछ की है।
सीबीआइ सूत्रों ने बताया कि एजंसी को यहां की एक विशेष अदालत से पीटर मुखर्जी का पॉलीग्राफ टेस्ट करने की इजाजत पाने के लिए तर्क दिया कि एजंसी परीक्षण करना चाहती है क्योंकि उनकी हिरासत सोमवार को खत्म हो रही है। माना जा रहा है कि यह पता करने के लिए पूर्व मीडिया दिग्गज पीटर मुखर्जी से पूछताछ की गई कि पीटर और इंद्राणी मुखर्जी की ओर से स्थापित मीडिया हाउस से कथित रूप से धन निकालकर शीना बोरा के विदेशी खाते में जमा करने के बाद ही क्या इंद्राणी और उनकी बेटी के बीच विवाद पैदा हुआ, जो शीना की मौत की वजह बना।