कई महत्त्वपूर्ण मुद्दों पर पार्टी नेतृत्व से अलग राय रखने वाले भाजपा सांसद और अभिनेता शत्रुघ्न सिन्हा ने अरुणाचल प्रदेश में राष्ट्रपति शासन लगाए जाने के केंद्र के फैसले की आलोचना की है। उनका कहना है कि अगर सरकार इस मामले पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले का इंतजार कर लेती तो आसमान नहीं गिर जाता। बिहार के पटना साहिब के सांसद ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के महान सलाहकारों को भी यह कहते हुए आड़े हाथों लिया कि अगर सुप्रीम कोर्ट ने राष्ट्रपति शासन लगाए जाने के खिलाफ फैसला दिया तो वे क्या जवाब देंगे।
That too when the matter is sub judice, in the Supreme Court, under a 5 judge constitutional bench. Wonder what was the hurry and worry.
— Shatrughan Sinha (@ShatruganSinha) January 30, 2016
सिन्हा ने इस मामले में सिलसिलेवार ट्वीट करने के बाद कहा, ‘जब मामला सुप्रीम कोर्ट में है तो हमें अधिक सतर्क रहना चाहिए था। मेरा मानना है कि अगर हम सुप्रीम कोर्ट के फैसले का इंतजार कर लेते तो आसमान नहीं गिर जाता। ऐसा करना हमें शर्मिंदगी और विवाद से बचा सकता था।’ उन्होंने पुणे से फोन पर कहा, ‘नरेंद्र मोदी बहुत अच्छे प्रधानमंत्री हैं। ये सलाहकार हैं जो कई बार गलत राय देते हैं जिसका अंजाम गलत राजनीतिक कदम के रूप में निकलता है जोकि पार्टी और सरकार के स्वास्थ्य के लिए ठीक नहीं है।’ यह कहे जाने पर कि उनके विचार पार्टी से अलग हैं और उनसे असंतोष झलकता है, सिन्हा ने कहा, ‘मैंने हमेशा सच कहा है।
मेरे निजी विचार कई बार हमारे लोगोंं से नहीं मिलते हैं, लेकिन मेरी मंशा हमेशा पार्टी और देश के अच्छे के लिए रही है। मैं उम्मीद, कामना और प्रार्थना करता हूं कि वे पार्टी के प्रति मेरी ईमानदारी और वफादारी को स्वीकार करेंगे।’ सिन्हा ने इससे पहले ट्वीट किया था, ‘हमारे साहसी, गतिशील एक्शन हीरो प्रधानमंत्री में मेरा पूरा विश्वास है, लेकिन आश्चर्य है कि वे ‘महान’ सलाहकार कौन हैं जिन्होंने अरुणाचल प्रदेश में राष्ट्रपति शासन की सिफारिश की। वह भी तब जब मामला सुप्रीम कोर्ट में पांच न्यायाधीशों की संवैधानिक पीठ के पास विचाराधीन है। क्या जल्दबाजी और चिंता थी।’ उन्होंने कहा, ‘ईश्वर न करे, अगर यह फैसला हमारे खिलाफ जाता है, तो हमारे सम्मानित प्रधानमंत्री के पास क्या जवाब और स्पष्टीकरण होगा।’
I have tremendous faith in our dashing dynamic action hero PM. But wonder who the “great” advisors are who advised President’s Rule in AP.
— Shatrughan Sinha (@ShatruganSinha) January 30, 2016
केंद्र ने अरुणाचल प्रदेश में राष्ट्रपति शासन लगाए जाने को उचित ठहराते हुए शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दायर कर कहा था कि राज्य में शासन व कानून व्यवस्था की स्थिति ‘पूरी तरह चरमरा गई थी’ जहां राज्यपाल और उनके परिवार के सदस्यों को हर रोज ‘अपने जीवन को गंभीर खतरे’ की आशंका थी। राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने इस हफ्ते की शुरुआत अरुणाचल प्रदेश में राष्ट्रपति शासन लगाने के केंद्रीय मंत्रिमंडल के फैसले पर अपनी मंजूरी दी थी ।