बीते दिनों कुछ मसलों पर कांग्रेस की पार्टी लाइन से हटकर बोलने के चलते अपनों के ही निशाने पर आए शशि थरूर (Shashi Tharoor) ने अब बेहद साफ शब्दों में पार्टी को अपनी बात कह दी है। सोमवार (9 सितंबर) को थरूर ने कांग्रेस को सलाह देते हुए कहा कि उसे सिर्फ वोट बैंक पॉलिटिक्स के लिए धर्मनिरपेक्षता और सभी को साथ लेकर चलने के अपने आदर्शों से समझौता नहीं करना चाहिए। हिंदुत्व के मसले पर अपने पुराने बयान पर चर्चा करते हुए थरूर ने यह तक कह दिया कि उन्होंने जिंदगी भर के लिए कांग्रेस ज्वॉइन नहीं की है।

‘चंद वोटों के लिए आदर्शों से समझौता नहीं’: मीडिया से बातचीत करते हुए थरूर ने कहा, ‘मैं कांग्रेस में इसलिए नहीं आया कि यहां मेरा जिंदगीभर के लिए करियर बना है। मैं इसलिए आया क्योंकि मैं इसको प्रगतिशील और सभी को साथ लेकर चलने के भारत के विचार को तेजी से आगे बढ़ाने का जरिया मानता हूं। हम चंद वोटों या सीटों के लिए उन आदर्शों से समझौता नहीं कर सकते।’ थरूर का यह बयान नई दिल्ली में आयोजित हुए यूथ कांग्रेस के एक कार्यक्रम के बाद आया।

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हिंदुत्व लाइट से कुछ नहीं होगाः थरूर इन दिनों पार्टी के अंदर और बाहर अपने बयानों के लिए कई नेताओं के निशाने पर हैं। उन्होंने कहा था कि कांग्रेस को अल्पसंख्यकों और धर्मनिरपेक्षता के मसले पर अपने रुख में नरमी लाकर बीजेपी को जवाब देना चाहिए। बता दें कि थरूर की एक किताब भी आने वाली है जिसका नाम ‘हिंदू-वेः एन इंट्रोडक्शन टू हिंदुइज्म’ है। तिरुवनंतपुरम से कांग्रेस सांसद थरूर ने कहा था कि कांग्रेस कोक लाइट की तर्ज पर ‘हिंदुत्व लाइट’ से कांग्रेस की पैठ नहीं बनने वाली।

उन्होंने कहा, ‘बतौर कांग्रेस नेता मेरा विश्वास है कि पार्टी की जिम्मेदारी है कि वो भारत में धर्मनिरपेक्षता का दायरा बढ़ाए और उसकी रक्षा करे। जो लोग कहते हैं कि हिंदी हार्टलैंड में कांग्रेस की सफलता का राज अल्पसंख्यक-बहुसंख्यक के मसले पर बीजेपी जैसा रुख अपनाना है, जो गलत है। यदि वोटर के ओरिजनल और उसका अनुसरण करने वाले का विकल्प होगा तो वो हमेशा ओरिजनल ही चुनेगा।’