शाहरुख खान (Shah Rukh Khan) और प्रीती जिंटा (Preity Zinta) की फिल्म ‘वीर-जारा’ (Veer Zaara) की कहानी केरल में वास्तविक जिंदगी में सामने आई। फिल्म में जीवन के कई बसंत अकेले देखने के बाद जब वीर और जारा की मुलाकात होती है तो प्रेम का वो दृश्य हर किसी को भावुक कर देता है। कुछ ऐसा ही केरल के एक वृद्धाश्रम में भी देखने को मिला। हालांकि यह फिल्मी नहीं बल्कि असली कहानी है। इस वास्तविक कहानी में पत्नी हिंदू है और पति मुस्लिम।
काम की तलाश में बिछड़ गए थे दोनोंः प्राप्त जानकारी के मुताबिक केरल में 80 वर्ष से अधिक उम्र के एक दंपती का अपने गृहनगर में एक वृद्धाश्रम में 36 साल बाद मिलन हुआ तो वहां खुशी की लहर दौड़ पड़ी। जिस उमर में दोनों को आंखों से धुंधला दिखाई देने लगा है, उस उम्र में भी उन्होंने एक-दूसरे को फौरन पहचान लिया। करीब साढ़े तीन दशक पहले वो एक-दूसरे से तब जुदा हो गए थे जब सैदु काम की तलाश में घर से निकल पड़ा था। दोनों त्रिसूर जिले के रहने वाले हैं।
यूं हुआ मिलनः इत्तेफाक से बिछड़ने के 36 साल बाद दोनों एक ही आश्रम में रहने पहुंच गए। दोनों की 65 साल पहले शादी हुई थी। अब सैदु 90 वर्ष के हो चुके हैं तो सुभद्रा 82 की। इसी साल अगस्त और जुलाई में दोनों एक महीने के अंतर पर त्रिसूर जिले में पुल्लुट के समीप वृद्धाश्रम में रहने आए। जब सुभद्रा अम्मा ने 36 साल बाद सैदु की आवाज सुनी तो उन्हें वह कुछ जानी-पहचानी लगी। उन्होंने देखा कि वृद्धाश्रम में आने वाला नया व्यक्ति कौन है और वह अपने पति को वहां पाकर हैरान रह गईं।
इंतजार करती रहीं सुभद्रा लेकिन सैदु नहीं लौटेः वृद्धाश्रम की देखरेख करने वाले और सामाजिक कार्यकर्ता अब्दुल करीम ने बताया, ‘उन्होंने 36 साल बाद एक-दूसरे को देखा। उम्र के इस पड़ाव पर आंखों की कम होती रोशनी के बावजूद दंपति ने एक-दूसरे को पहचान लिया।’ सैदु अपनी शादी के 30वें साल में नौकरी की तलाश में उत्तर भारत की ओर निकल पड़े थे। जैसे-जैसे साल बीतते गए सुभद्रा भी अपने पति का इंतजार करती रहीं लेकिन वह लौटे नहीं।
सुभद्रा के दूसरे पति हैं सैदुः सुभद्रा की जब अपने पड़ोस में रहने वाले मुस्लिम शख्स सैदु से शादी हुई थी तो उनके अपनी पहले पति से दो बच्चे थे। उनके पहले पति की मौत हो गई थी। कुछ साल पहले जब उनके बच्चों की मौत हो गई तो बुजुर्ग महिला पर भी वक्त का कहर पड़ा। करीम ने पीटीआई को बताया कि बुजुर्ग महिला को एक मंदिर में बीमार पड़ने के बाद अस्पताल ले जाया गया जहां उन्हें वृद्धाश्रम भेज दिया गया। जब उन्होंने वृद्धाश्रम में रहने वाले अन्य लोगों को अपने मिलन के बारे में बताया तो वहां खुशी की लहर दौड़ पड़ी और मिठाइयां बांटी गईं। इस खुशी के मौके पर सुभद्रा ने एक मधुर गीत भी गाया। करीम ने बताया कि दोनों अब खुश हैं और उन्होंने बाकी की जिंदगी एक साथ गुजारने का फैसला किया है।