माता-पिता स्कूल की फीस नहीं भर सके तो उड़ीसा के भुवनेश्वर में स्थित एक स्कूल के प्रबंधन ने बच्चों को ही लाइब्रेरी में बंधक बना लिया। शिकायत मिलने पर पुलिस मौके पर पहुंची और बच्चों को वहां से निकालकर अभिभावकों के सुपुर्द किया। Apeejay स्कूल के सीईओ के साथ वाइस प्रिंसिपल और एडमिनिस्ट्रेटिव मैनेजर के खिलाफ केस भी दर्ज किया गया।
पुलिस का कहना है कि इन सभी लोगों के खिलाफ आईपीसी की धारा 342, 32 के साथ जुवेनाइल एक्ट की धारा 75 के तहत कारर्रवाई की गई है। पुलिस के मुताबिक अभिभावकों का आरोप है कि 34 बच्चों को पांच घंटे तक बंधक बनाकर रखा गया। ये बच्चे तीसरी से 9वीं कक्षा के छात्र थे। इन्हें सुबह 9.30 बजे से दोपहर 2.30 बजे तक स्कूल में बंद करके रखा गया था।
पांचवीं कक्षा में पढ़ने वाले एक छात्र के पिता का कहना था कि उनका बच्चा डिप्रेशन का शिकार हो गया है। बच्चा कमरे में बंद किए जाने से इतना ज्यादा घबरा गया है कि वो सही से कुछ बता भी नहीं पा रहा है। वो केवल इतना ही कह पा रहा है कि एग्जाम के बाद उसे 33 अन्य बच्चों के साथ लाइब्रेरी में ले जाया गया था। वहां से फिर उन्हें कई घंटों तक निकलने नहीं दिया।
प्रबंधन ने इस दौरान कमरे के पंखे तक को बंद कर दिया। बच्चों को जमीन पर बिठाया गया। उनका कहना है कि वो स्कूल से महज 100 मीटर की दूरी पर ही रहते हैं। उनसे बात की गई होती तो वो तत्काल फीस भर देते। शाम को ही उन्होंने फीस भर दी। लेकिन वो अपनी शिकायत को वापस नहीं लेने जा रहे।
एक और अभिभावक का कहना है कि उन्हें 15 को ईमेल मिली थी, जिसमें फीस की डिमांड की गई थी। लेकिन उन्हें ये नहीं पता था कि फीस भरने में देरी पर स्कूल ऐसे कदम उठा लेगा। अब किसी भी सूरत में पीछे नहीं हटने वाले। प्रबंधन को सबक सिखाकर ही रहेंगे। उनका बच्चा 9वीं कक्षा में पढ़ता है। उनका कहना है कि अब वो बच्चे का स्कूल भी नहीं बदल सकते क्योंकि 10 में बोर्ड का एग्जाम होगा।
एक बच्चे की मां का का कहना है कि स्कूल में 900 छात्र हैं। इन लोगों ने कोविड के दौरान भी ट्यूशन फीस में कटौती नहीं की थी। इस सेशन से तो फीस भी 15 फीसदी तक बढ़ा दी गई। भुवनेश्वर के डीएम प्रतीक सिंह का कहना है कि सीसीटीवी फुटेज चेक करने के साथ अभिभावकों के बयान दर्ज किए जा रहे हैं। प्रबंधन पर सख्त कार्रवाई होगी।