OP Rajbhar: समाजवादी पार्टी और सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के बीच गठबंधन टूटने के बाद बयानों की जंग जारी है। इस बीच भाजपा से सपा में गए स्वामी प्रसाद मौर्य ने सुभासपा प्रमुख ओपी राजभर पर निशाना साधते हुए कहा कि राजभर की पार्टी 20 साल पुरानी है लेकिन आजतक वो अपने दमपर एक भी विधायक नहीं जितवा पाये। स्वामी प्रसाद ने ओपी राजभर को अपरिपक्व बताया।
स्वामी प्रसाद मौर्य की तरफ से किये गए जुबानी हमले पर ओपी राजभर ने पलटवार किया है। राजभर ने कहा, “ये जगजाहिर है कि बसपा की कृपा से वो विधायक व मंत्री बने। इसके बाद वो भाजपा में गए तो वहां बीजेपी की कृपा से मंत्री बने।” राजभर ने कहा कि हम अपरिपक्व हैं, अच्छी बात है, उनसे सीखेंगे, वो हमारे बड़े भाई हैं।
ओपी राजभर ने तंज कसते हुए कहा, “वो जहां से चुनाव लड़े, वहां पूरा जिला ही साफ हो गया, लेकिन जहां से हम चुनाव लड़े, गाजीपुर से..वहां पूरा जिला ही जीत लिया।” राजभर ने कहा कि मैंने चार जिलों में भाजपा का खाता तक खुलने नहीं दिया।
राजभर ने कहा कि मैं भाजपा के साथ था तो भाजपा पूर्वांचल में चुनाव जीती लेकिन भाजपा का साथ छोड़ा तो चार जिलों में बीजेपी का खाता तक नहीं खुल पाया। स्वामी प्रसाद मौर्य खुद तय कर लें कि कौन परिपक्व है और कौन अपरिपक्व है।
बीते यूपी विधानसभा चुनाव 2022 में स्वामी प्रसाद मौर्य भाजपा छोड़कर सपा में शामिल हो गये थे। उन्होंने कुशीनगर की फाजिलनगर सीट से चुनाव लड़ा था लेकिन जीत नहीं सके। इस सीट पर बीजेपी के सुरेन्द्र कुशवाहा ने उन्हें 26 हजार से अधिक मतों से हराया। इतना ही नहीं कुशीनगर जिले की सभी सातों विधानसभा सीटों पर भाजपा ने इस बार क्लीन स्वीप किया है।
स्वामी प्रसाद मौर्य ने क्या कहा:
स्वामी प्रसाद मौर्य ने कहा कि राजभर हवा हवाई राजनीति करते हैं। वो बयान बहादुर बनते हैं। बड़े-बड़े बयान देते हैं। उनकी पार्टी के विचार शून्य है, अगर विचारों की गंभीरता होती तो गठबंधन को हंसी मजाक का विषय नहीं बनाते। स्वामी प्रसाद मौर्य ने कहा, “राजनीति हिस्सेदारी की होती है या विचारों की होती है।”
उन्होंने कहा, “ओम प्रकाश राजभर की पार्टी 20 साल पुरानी है लेकिन अपने दमपर वो एक भी विधायक नहीं जीता सके हैं। उन्होंने भाजपा से गठबंधन किया तो उनके चार विधायक जीते थे, 2022 में सपा से गठबंधन किया तो छह विधायक जीते। ओम प्रकाश राजभर को पहले से हिस्सेदारी कहीं ज्यादा मिली और साथ में सीट भी ज्यादा जीती।”
बता दें कि राष्ट्रपति चुनाव में राजभर द्वारा एनडीए उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू का समर्थन करने के बाद सपा ने राजभर को ‘स्वतंत्र’ करने वाला पत्र जारी कर कहा कि आपको जहां अधिक सम्मान मिले, वहां जा सकते हैं। ऐसा ही पत्र सपा ने शिवपाल यादव के नाम भी जारी किया था। पत्र के जवाब में राजभर ने कहा कि सपा का यह तलाक हमें मंजूर है।
