कुमार विश्वास ने पंजाब विधानसभा चुनाव से कुछ दिन पहले ही अरविंद केजरीवाल को लेकर एक बयान दिया जिसके बाद पूरे देश में राजनीति गर्म हो गई। बीजेपी और कांग्रेस दोनों पार्टियां अरविंद केजरीवाल से कुमार विश्वास के बयान पर स्पष्टीकरण मांग रही हैं। दरअसल कुमार विश्वास ने कहा था कि अरविंद केजरीवाल ने एक बार उनसे कहा था कि वह पंजाब के मुख्यमंत्री बनेंगे या फिर एक स्वतंत्र देश के पहले प्रधानमंत्री बनेंगे। यहां पर स्वतंत्र देश से मतलब खालिस्तान से था। यानी एक तरीके से अरविंद केजरीवाल पर खालिस्तानियों से सांठगांठ का आरोप लगा है।

इसी मुद्दे को लेकर एक समाचार चैनल पर डिबेट चल रही थी जिसमें बीजेपी के प्रवक्ता आरपी सिंह और आम आदमी पार्टी के समर्थक भी बैठे हुए थे। डिबेट के दौरान बीजेपी के प्रवक्ता ने आम आदमी पार्टी को चैलेंज देते हुए कहा कि अभी 7 बजकर 19 मिनट हो रहे हैं और मैं सुबह 7 बजकर 19 मिनट तक का समय देता हूं और अरविंद केजरीवाल एक बार भिंडरावाले मुर्दाबाद बोल कर दिखा दें।

डिबेट में आगे बीजेपी के प्रवक्ता ने अपने मोबाइल फ़ोन पर एक पोस्टर दिखाया जो आम आदमी पार्टी से संबंधित था। पोस्टर दिखाते हुए बीजेपी प्रवक्ता ने कहा कि इन लोगों ने भिंडरावाले की बरसी भी मनाई थी। इस पर एंकर ने पूछा तो कानूनी कार्रवाई होनी चाहिए थी ना? इसके जवाब में बीजेपी प्रवक्ता ने कहा कि किसी की बरसी मनाने पर कानूनी कार्यवाही नहीं हो सकती लेकिन इससे किसी की सोच का पता चलता है। कहां से पैसा आता है? सोच कैसी है?

वहीं आम आदमी पार्टी की पूर्व विधायक अलका लांबा ने समाचार चैनल पर अरविंद केजरीवाल से जुड़ी एक घटना का जिक्र करते हुए कहा कि उस समय आम आदमी पार्टी के प्रधान (पंजाब) सुच्चा सिंह को पंजाब चुनाव के बीच केजरीवाल ने पार्टी से उठाकर बाहर फेंका। अलका लांबा ने बताया कि 2017 विधानसभा चुनाव के दौरान केजरीवाल के साथ एक मीटिंग हुई थी जिसमें मैं, कुमार विश्वास, जरनैल सिंह, सुच्चा सिंह मौजूद थे। मीटिंग के दौरान हम सब ने कहा कि अरविंद केजरीवाल जी आप जिसके घर रुके हुए थे, उसका खालिस्तानियों के साथ सीधा संबंध है।

अलका लांबा के अनुसार केजरीवाल ने कहा कि सुच्चा सिंह जी आपको अगर यह सब मंजूर नहीं है तो आप पार्टी छोड़ दीजिए और हम सब को जवाब मिला कि आप लोग दिल्ली वापस लौट जाइए।

https://youtu.be/6UlTEt_uRko

अलका लांबा के इस आरोप पर एंकर ने पूछा कि आप लोगों ने पहले इस बात को क्यों नहीं उठाया? इसके जवाब में अलका लांबा ने कहा कि 2017 में पंजाब और केन्द्र में बीजेपी और अकाली की सरकार थी। यह बात किसी से छुपी नहीं थी बल्कि यह सब खुलेआम हुआ था। इन लोगों ने कोई कार्रवाई नहीं की। अरविंद केजरीवाल को किसी ने आतंकी नहीं था बल्कि वह विक्टिम कार्ड खेल रहे हैं।