Varanasi Municipal Corporation: वाराणसी नगर निगम ने पवित्र हिंदू महीने सावन के दौरान मांस की दुकानों को बंद करने का प्रस्ताव पारित किया है। यह प्रस्ताव शुक्रवार को हुई बैठक में 12 कार्यकारी सदस्यों में से एक ने रखा।
वाराणसी के महापौर अशोक कुमार तिवारी ने कहा कि सावन के महीने में वाराणसी में कांवड़ियों की भारी भीड़ सहित कई चीजों को ध्यान में रखते हुए नगरपालिका सीमा के भीतर मांस की बिक्री पर प्रतिबंध लगाने का प्रस्ताव पारित किया गया, जो लगभग 183 वर्ग मील में फैली हुई है।
ऐसा अनुमान है कि प्रतिदिन लगभग 1-1.5 लाख लोग वाराणसी आते हैं, लेकिन सावन के महीने में श्रद्धालुओं की संख्या बढ़कर लगभग चार से पांच लाख प्रति माह हो जाती है, जिसका मुख्य कारण काशी विश्वनाथ मंदिर है।
सभी मांस की दुकानों को बंद करने के आदेश को लागू करने के लिए शनिवार सुबह टीमें भेजी गईं। तिवारी ने कहा कि संबंधित अधिकारियों को आवश्यक कार्रवाई करने के निर्देश जारी कर दिए गए हैं और आदेश का उल्लंघन करने वाले दुकानदारों के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
नगर निगम की कार्यकारिणी समिति की बैठक शुक्रवार को हुई। बैठक में कई सरकारी अधिकारी भी मौजूद थे। तिवारी ने बताया कि बैठक में कार्यकारिणी सदस्य हनुमान प्रसाद ने सावन माह में नगर निगम सीमा के भीतर मांस-मछली की दुकानों पर प्रतिबंध लगाने का प्रस्ताव रखा।
तिवारी ने बताया कि यह प्रस्ताव सर्वसम्मति से पारित किया गया, क्योंकि धार्मिक नगरी वाराणसी, आध्यात्मिक भावनाओं से ओतप्रोत पर्यटकों को आकर्षित करती है और इसका उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि वे उसी सकारात्मक भावना के साथ वापस जाएं।
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संपर्क करने पर वाराणसी के मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी डॉ. संतोष पाल ने बताया कि निर्देश के अनुसार, जिले में सभी मांस और मछली की दुकानों को बंद करने की प्रक्रिया शुरू हो गई है। उन्होंने कहा कि मांस की दुकानों को पूरी तरह से बंद करने के लिए टीमें तैनात कर दी गई हैं। यह आदेश मांसाहारी भोजन परोसने वाले रेस्टोरेंट पर लागू नहीं होगा। उन्होंने कहा कि शहर की नगरपालिका सीमा के भीतर लगभग 350 मांस की दुकानें हैं और ये सभी नगर निगम से लाइसेंस के बिना चल रही हैं।
पिछले साल वाराणसी नगर निगम ने काशी विश्वनाथ मंदिर के दो किलोमीटर के दायरे में दुकानों के संचालन पर प्रतिबंध लगाने का प्रस्ताव पारित किया था। निर्देश के बावजूद, कुछ दुकानें खुली रहीं, जिसके बाद निगम ने उल्लंघन के लिए नोटिस जारी किए। हालांकि, दुकान मालिकों ने उत्पीड़न का आरोप लगाते हुए कहा कि उन्हें बिना किसी वैकल्पिक व्यवस्था के दुकानें बंद करने के लिए कहा गया। अधिकांश मांस की दुकानें नई सड़क, बेनियाबाग, शेख सलीम फाटक और अन्य मोहल्लों में स्थित हैं।
(इंडियन एक्सप्रेस के लिए मनीश साहू की रिपोर्ट)
