त्रिपुरा के अगरतला से एक हैरान करने वाला मामला सामने आया है। यहां बसंत पंचमी के दिन एक सरकारी कॉलेज में मां सरस्वती की मूर्ति लगाई गई। इस मूर्ति को कॉलेज के छात्रों ने तैयार किया था। मूर्ति दिखाने जाने के बाद वहां मौजूद अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) सदस्यों ने हंगामा कर दिया। सदस्यों के विरोध प्रदर्शन के कारण पूजा भी बाधित हो गई। प्रदर्शनकारियों में बजरंग दल के सदस्य भी शामिल हो गए।

विरोध करने वाले सदस्यों का कहना था कि मूर्ति को पारंपरिक परिधान साड़ी नहीं पहनाई गई। उन्होंने इसे अश्लीलता करार दिया और विरोध प्रदर्शन करने लगे। इसके बाद इस प्रदर्शन में बजरंग दल के सदस्य भी शामिल हो गए। देखते ही देखते कॉलेज में हंगामा मच गया। इस कारण पूजा बाधित हो गई।

एबीवीपी ने किया प्रदर्शन

मामले को लेकर एबीवीपी इकाई के महासचिव दिबाकर आचार्य ने देवी सरस्वती के गलत चित्रण पर कड़ी आपत्ति जताई और विरोध प्रदर्शन का नेतृत्व किया। आचार्य ने कहा, “जैसा हम सभी जानते हैं कि आज बसंत पंचमी है और पूरे देश में देवी सरस्वती की पूजा की जाती है। सुबह-सुबह हम सभी को खबर मिली कि गवर्नमेंट आर्ट एंड क्राफ्ट कॉलेज में देवी सरस्वती की मूर्ति को बहुत गलत अश्लील तरीके से बनाया गया है।

इसके बाद प्रदर्शनकारियों ने कॉलेज में देवी सरस्वती की मूर्ति को साड़ी पहनाने के लिए मजबूर किया। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) से संबद्ध छात्र संगठन एबीवीपी ने कॉलेज प्राधिकरण के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की और त्रिपुरा के सीएम माणिक साहा से हस्तक्षेप करने का आग्रह किया।

कॉलेज के अधिकारियों ने बताया कि मूर्ति हिंदू मंदिरों में देखी जाने वाली पारंपरिक मूर्तिकला रूपों का पालन करती है और इसका धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने का कोई इरादा नहीं था। मूर्ति को कॉलेज के अधिकारियों द्वारा बदल दिया गया और पूजा पंडाल के पीछे प्लास्टिक से ढक दिया गया।

हंगामे की खरब होने पर पुलिस ने घटनास्थल का दौरा किया, लेकिन कॉलेज या एबीवीपी और बजरंग दल ने मामले में कोई शिकायत दर्ज नहीं कराई।