कांग्रेस की पूर्व सांसद औऱ कद्दावर नेता रहीं सुष्मिता देव के इस्तीफे ने पार्टी के पूर्व नेताओं की नाराजगी को भी बाहर ला दिया है। सुष्मिता देव की गिनती कांग्रेस के युवा नेताओं में होती रही है और उन्हें राहुल की युवा ब्रिगेड का खास भी माना जाता था। ऐसे में पार्टी की सदस्यता से त्यागपत्र ने पार्टी के पूर्व नेताओं की नाराजगी को मंच दे दिया है। कांग्रेस पार्टी से निलंबित नेता संजय झा ने सुष्मिता देव के इस्तीफे और TMC में जाने पर प्रतिक्रिया देते हुए सवाल उठाया कि आखिर हम कर क्या रहे हैं?
सुष्मिता देव के इस्तीफे पर संजय झा ने अपने ट्विटर अकाउंट पर लिखा कि सुष्मिता देव कांग्रेस की एक मेहनती, समर्पित और सहासी सेनानी थीं। उनका पार्टी से जाना एक बहुत बड़ा नुकसान है, साथ ही ये टीएमसी के लिए फायदा भी है। उन्होंने सवाल उठाते हुए पूछा कि इस मामले पर हम गंभीरता से क्या कर रहे हैं। अपने ट्वीट के आखिर में संजय झा ने लिखा कि कांग्रेस पार्टी के प्रवक्ताओं से मेरा विनम्र अनुरोध है, कम से कम उन पर हमला न करें, थोड़ा ग्रेस दिखाएं।
गौर हो कि संजय झा को कांग्रेस पार्टी से निलंबित किया जा चुका है। पिछले साल जुलाई के महीने में जब राजस्थान का सियासी ड्रामा चल रहा था तो संजय ने ट्वीट कर कहा था कि पहले ज्योतिरादित्य सिंधिया चले गए, अब सचिन पायलट… इसके बाद अगला नंबर किसका होगा। आखिर में पार्टी ने मामले को संभाल लिया था और पायलट की नाराजगी को शांत करते हुए उन्हें पार्टी में बनाए रखा था लेकिन झा को उनके इस ट्वीट के कारण पार्टी ने बाहर का रास्ता दिखा दिया था।
सुष्मिता देव से पहले कांग्रेस के दो बड़े युवा नेता भी पार्टी से किनारा कर चुके हैं। इनमें ज्योतिरादित्य सिंधिया और जितिन प्रसाद शामिल हैं। दोनों ही नेताओं को राहुल गांधी का भी करीबी माना जाता था। लेकिन पार्टी में लगातार हो रही अनदेखी के कारण उन्होंने बीजेपी का दामन थाम लिया था। अब सुष्मिता देवी भी ममता बनर्जी ब्रिगेड में शामिल हो चुकी हैं।
वहीं अभी तक इस मामले पर राहुल गांधी की तरफ से कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है। पार्टी की तरफ से सिर्फ रणदीप सुरजेवाला ने इस पर प्रतिक्रिया देते हुए बताया कि अभी तक उनका पत्र सोनिया गांधी को नहीं मिला है और सुष्मिता देव का मोबाइल फोन बंद होने के कारण उनसे संपर्क नहीं हो पा रहा है। इसके अलावा कार्ति चिदंबरम ने भी सुष्मिता के पार्टी छोड़ने पर दुख जताया है, वह भी इन दिनों तमिलनाडु प्रदेश अध्यक्ष नहीं बनाए जाने के कारण नाराज बताए जा रहे हैं।
दूसरी तरफ कपिल सिब्बल ने इस मामले को लेकर पार्टी पर ही प्रश्न खड़े करते हुए कहा है कि पार्टी आंखें मूंद कर काम कर रही है। उन्होंने ट्वीट किया, “सुष्मिता देव ने हमारी पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया। युवा नेता छोड़ते हैं जबकि हम ‘बुजर्ग’ पार्टी को मजबूत करने के लिए प्रयास करते हैं तो उसके लिए भी जिम्मेदार ठहराया जाता है।” कांग्रेस सूत्रों ने बताया कि अखिल भारतीय महिला कांग्रेस की अध्यक्ष की जिम्मेदारी निभा रहीं सुष्मिता ने 15 अगस्त को पार्टी प्रमुख सोनिया गांधी को अपना इस्तीफा भेजा। सुष्मिता ने अपने त्यागपत्र में पार्टी छोड़ने के कारण का कोई उल्लेख नहीं किया है।