समझौता ब्लास्ट मामले में आरोपियों को बरी किए जाने से दुखी पाकिस्तान के एक शख्स ने इंडियन एक्सप्रेस से बातचीत में अपना दर्द बयां किया है। पाकिस्तान के फैसलाबाद में रहने वाले 61 वर्षीय राणा शौकत अली ने पूछा, ‘मेरे पांच बच्चों की मौत पर जवाब कौन देगा? उन्हें किसने मारा? इस फैसले ने मुझे फिर से दर्द दिया है। मुझसे कभी भी कोर्ट में गवाही नहीं ली गई।’

गवाहों के बयान वाली याचिका खारिजः अली और उनकी 54 वर्षीय पत्नी रुबसाना ने 2007 में पानीपत में हुए हादसे में अपने पांच बच्चों को खो दिया। अब उनकी दो बेटियां अक्सा शहजादी (12) और खजीजा (7) हैं। बुधवार (20 मार्च) को इस केस के चार आरोपियों को रिहा कर दिया है। इस मामले में एनआईए (नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी) ने पाकिस्तानी गवाहों को बयान की अनुमति देने की मांग को खारिज कर दिया है। यह याचिका पाकिस्तान निवासी राहिला वकील ने लगाई थी। उनका कहना है कि 13 पाकिस्तानी गवाहों को ठीक से समन नहीं दिया गया था।

 

5 बच्चों को खोने वाली मां का सवालः बच्चों की मां रुबसाना ने पूछा, ‘हिंदू या मुस्लिम, अंत में वे सभी बच्चे थे। उन्हें किसने मारा? बताइये मुझे।’ दंपती का कहना है कि हादसे के बाद वे तीन बार भारत आए और बयान देने के लिए एक बार भारतीय और पाकिस्तानी अधिकारियों से मुलाकात भी की। अली कहते हैं, ‘अगर मेरी गवाही ली जाती तो शायद ट्रायल की दिशा बदल जाती।’ 18 फरवरी 2007 के दिन दिल्ली से लाहौर जा रही ट्रेन में धमाका हुआ था। घटना हरियाणा के पानीपत के पास हुई थी। रिपोर्ट्स के मुताबिक इस हादसे में करीब 70 लोगों की मौत हुई थी वहीं लगभग 50 के घायल होने की भी जानकारी मिली थी। धमाका इतना खतरनाक था कि कई लोगों के शव तक नहीं मिल पाए। वहीं कई की पहचान डीएनए टेस्ट के जरिए करनी पड़ी।