Sambhal News: उत्तर प्रदेश के संभल जिले में लगने वाला नेजा मेला इस बार नहीं लगेगा। नेजा मेला कमेटी के लोग इस मेले को लगाने की इजाजत मांगने के लिए एडिशनल एसपी श्रीशचंद्र के पास में गए थे, लेकिन एडिशनल एसपी ने साफ मना कर दिया। इतना ही नहीं उन्होंने नसीहत देते हुए कहा कि सोमनाथ मंदिर को लुटने वाले, भारत में लूटमार करने और कत्लेआम करने वाले की याद में कोई भी मेला नहीं लगना चाहिए।
इसका वीडियो भी सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है। एडिशनल एसपी इजाजत मांगने वाले लोगों से कहते हैं, ‘यह मेला सालार गाजी की याद में मनाते हैं। इस बार नेजा मेला बिल्कुल भी नहीं होगा। वो एक लुटेरा था और सच को छिपाया नहीं जा सकता है। इतिहास गवाह है कि वह महमूद गजनवी का सेनापति था और उसने सोमनाथ को लूटा था। पूरे देश में कत्लेआम किया था। किसी भी लुटेरे की याद में यहां कोई भी मेले का आयोजन नहीं होगा। अगर किसी ने यह करने की कोशिश की तो उस पर कठोर कार्रवाई की जाएगी।’
अखिलेश यादव ने बोला हमला
संभल के नेजा मेले को अनुमति न मिलने पर सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने कहा, “बीजेपी हर मिलीजुली संस्कृति, हर भाईचारे को नष्ट कर रही है। नेजा मेले में हर धर्म और जाति के लोग मिलते हैं। अगर वे कुंभ की तारीफ कर सकते हैं तो किसी और मेले की क्यों नहीं? जिस तरह से हम मिलजुल कर रहते थे, सभी धर्मों के लोग मिलजुल कर रहते थे, बीजेपी को वो पसंद नहीं आ रहा है।”
कौन था सैयद सालार
अगर इतिहास पर गौर किया जाए तो सैयद सालार मसूद गाजी विदेशी आक्रांता महमूद गजनवी का भांजा और सेनापति था। गजनवी ने 1000 से 1027 ईस्वी के बीच भारत पर 17 बार आक्रमण किया था। इस दौरान उसने हिंदुओं की आस्था का प्रतीक माने जाने वाले सोमनाथ मंदिर समेत कई खास जगहों को अपना निशाना बनाया था। सालार मसूद गाजी की जंग में मौत हुई थी। सालार मसूद गाजी की कब्र यूपी के बहराइच में है।
एसडीएम से भी की थी मुलाकात
इससे पहले नेजा कमेटी के लोग एसडीएम बंदना मिश्रा से भी मिले थे। वहां भी वह मेले की इजाजत मांगने के लिए गए थे, लेकिन उस वक्त भी एसडीएम ने साफ कर दिया था कि नेजा मेले के नाम पर किसी भी तरह की कोई इजाजत नहीं दी जाएगी। नेजा कमेटी के लोगों ने तर्क दिया कि यह काफी पहले से चली आ रही पुरानी परंपरा है। लेकिन प्रशासन ने बिल्कुल साफ कर दिया कि सामाजिक सौहार्द को बनाए रखने के लिए इजाजत नहीं दी जाएगी। बता दें कि नेजा मेला (Neja Mela) तीन दिनों तक चलता है। होली के बाद आने वाले मंगलवार को मेले की शुरुआत होती है। मेले के दौरान सभी जगह चादरपोशी की जाती है और दुआएं की जाती हैं। संभल में जारी विवाद पर सुप्रीम कोर्ट में यूपी सरकार ने रखा पक्ष