उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव का कहना है कि वह अलग किस्म के हिंदू हैं। उन्होंने यह बात इंडिया टीवी को दिए एक इंटरव्यू में कही। इसके अलाव सपा प्रमुख ने यह भी कहा कि इस बार जब वह नवरात्रि की पूजा करेंगे तो उसकी तस्वीरें सोशल मीडिया पर भी डालेंगे। दरअसल, अखिलेश यादव से जब यह सवाल पूछा गया कि क्या वह दकियानूसी हैं, तब उन्होंने कहा, ‘लोग इन चीजों को मानते भी हैं और नहीं भी मानते। मेरे हाथ में कभी अंगूठी नहीं देखी होगी, गले में कोई माला भी नहीं पहनता। हां, लेकिन मैं पूजा करता हूं, नवरात्र अभी आने वाले हैं मैं नौ दिन व्रत रखूंगा। इस बार कोशिश करूंगा कि नवरात्र में जो भी पूजा होगी उसकी तस्वीरें भी जरूर सामने आ जाएं। लोगों को पता चल जाए कि मैं भी पूजा कर रहा हूं, मैं भी हिंदू ही हूं, लेकिन मैं दूसरे तरह का हिंदू हूं, मैं बैकवर्ड हिंदू हूं। मैं फॉरवर्ड हिंदू नहीं हूं… मैं बैकवर्ड हिंदू हूं।’
सपा प्रमुख से जब सवाल किया गया कि क्या वह अंधविश्वास की वजह से मुख्यमंत्री कार्यकाल के दौरान नोएडा नहीं गए, तब उन्होंने कहा, ‘मैंने ये कहा था… मैं नोएडा गया हूं और मुझे अच्छी तरह याद है कि मैंने नोएडा से आगरा तक साइकिल चलाई थी। मैं नोएडा गया था… सरकार में कोई नहीं गया था, लेकिन मैंने ये कहा था कि अगर सरकार बनती है तो मैं नोएडा जरूर आऊंगा। सरकार बनी ही नहीं, अब मैं चला भी जाऊं, नहीं भी जाऊं, कोई मतलब नहीं है। मैंने पिछली बार ये कहा था कि अगर 2017 में सरकार बनेगी तो सबसे पहले मैं नोएडा जाऊंगा। अभी मैं कुछ दिन पहले नोएडा गया था।’
दरअसल पिछले 29 सालों से यह कहा जाता रहा है कि मुख्यमंत्री रहते हुए जो भी नोएडा जाता है उसकी कुर्सी हाथ से छिन जाती है। हालांकि वर्तमान सीएम योगी आदित्यनाथ मुख्यमंत्री बनने के बाद से तीन बार नोएडा जा चुके हैं। योगी के नोएडा जाने से संबंधित सवाल जब अखिलेश से पूछा गया तब उन्होंने कहा, ‘मुझे लगता है कि कुछ उनमें है ताकत इस तरह की… पूजा-पाठ कुछ अलग तरह का उनके पास है, सीधा संपर्क है उनका, जिससे कुछ नहीं हो रहा, लेकिन सुनने में तो आ रहा है कि सरकार कुछ काम नहीं कर पाई, लगता है नोएडा का ही असर है।’