समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव ने बड़ा दावा किया है। उन्होंने इस वर्ष के महाकुंभ के बारे में यह दावा करके माहौल गर्म कर दिया कि यह योगी आदित्यनाथ को प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार के रूप में पेश करने की भाजपा की साजिश का हिस्सा था। अखिलेश यादव ने यह भी कहा कि भाजपा समाज के बीच में दरार पैदा कर रही है।

अखिलेश यादव का बड़ा दावा

अखिलेश यादव ने कहा, “ऐसा सुनने में आ रहा है कि महाकुंभ के दौरान उनकी योजना थी कि प्रधानमंत्री के चेहरे के तौर पर उनका (सीएम योगी आदित्यनाथ) नाम घोषित किया जाए। वे इसे राजनीतिक कुंभ बनाना चाहते थे। यह कोई धार्मिक कुंभ नहीं था।” अखिलेश यादव यहीं नहीं रुके। उन्होंने बीजेपी पर निशाना साधते हुए उस पर समाज में विभाजन को बढ़ावा देने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा, “सच्चाई यह है कि अगर कोई धर्मों के बीच दरार पैदा कर रहा है तो वह भाजपा है।”

अखिलेश यादव ने कहा कि जो कम्युनल पॉलिटिक्स समाजवादियों ने खत्म की अयोध्या से उसी की वजह से यह और कम्युनल होते जा रहे हैं। इनका अपना वोट इनके खिलाफ है। योगी सरकार पर जाति आधारित काम करने का आरोप लगाते हुए उन्होंने कहा, “दो चीज हम लोगों को पता है, एक तो डीजीपी कार्यवाहक होगा, दूसरा सिंह होगा। इनसे आज तक सूची मांग रहे हैं 46 में 56 वाली, सदन में फर्जी आंकड़े दे रहे हैं।”

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अखिलेश यादव ने कहा, “धर्म और जाति के नाम पर समाज में विभाजन पैदा करना भाजपा का बहुत ही सुनियोजित कार्यक्रम है और वे इस पर धन खर्च करते हैं। जो कुछ भी कहा गया वह भाजपा की सोच है।” उनकी यह टिप्पणी भाजपा सांसद निशिकांत दुबे की सुप्रीम कोर्ट के बारे में की गई टिप्पणी को लेकर उठे गरमागरम राजनीतिक विवाद के बाद आई है।

निशिकांत दुबे के बयान पर बवाल

बता दें कि निशिकांत दुबे ने आरोप लगाया था कि सुप्रीम कोर्ट धार्मिक युद्ध को भड़का रहा है और इसके अधिकार पर सवाल उठाते हुए सुझाव दिया था कि अगर ऐसा होता है तो संसद को बंद कर देना चाहिए।