राजस्थान में कांग्रेस को नए सिरे से मजबूत बनाने के लिए प्रदेश अध्यक्ष सचिन पायलट ने तैयारियां शुरू कर दी हैं। पार्टी को अगले विधानसभा चुनाव के लिहाज से कसने के लिए पायलट ने प्रदेश कांग्रेस की बैठक यहां 19 जनवरी को बुलाई है। इस बैठक में कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी को पार्टी की कमान सौंपने से जुड़ा प्रस्ताव भी पास होने के आसार हैं।
प्रदेश कांग्रेस की सात महीने बाद 19 जनवरी को यहां कार्यकारिणी की बैठक होगी। इसमें कांग्रेस के तमाम बडेÞ नेताओं के साथ ही जिला अध्यक्ष, विधायक और पूर्व सांसद व विधायक भी हिस्सा लेंगे। प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता का कहना है कि बैठक में संगठन को मजबूत करने के बारे में विचार किया जाएगा। इसके लिए प्रदेश अध्यक्ष पायलट सभी पदाधिकारियों से उनके सुझाव लेंगे। पदाधिकारियों के सुझावों के आधार पर ही पार्टी अगले विधानसभा चुनाव के लिहाज से रणनीति बनाएगी। इसके साथ ही संगठनात्मक गतिविधियों के संचालन के लिए भी रूपरेखा तैयार की जाएगी। प्रदेश कांग्रेस कार्यकारिणी की पिछली बैठक उदयपुर में हुई थी। उसमें आए सुझावों के आधार पर ही पार्टी संगठन ने भाजपा सरकार के खिलाफ आंदोलन भी चलाया था।
कांग्रेस सूत्रों का कहना है कि पायलट कई पदाधिकारियों के कामकाज से खुश नहीं है। पायलट 19 जनवरी की बैठक में जिला अध्यक्षों और प्रदेश पदाधिकारियों कोकाम करने के लिए लक्ष्य भी देंगे। जिला प्रभारियों को भी अपने इलाकों में जनाधार बढ़ाने का लक्ष्य भी दिया जाएगा। पायलट की मंशा है कि आगामी चुनाव से पहले ही संगठन का फैलाव हो। इसके अलावा जमीनी कार्यकर्ताओं को पार्टी की गतिविधियों में सक्रिय किया जाए। इसके लिए प्रदेश पदाधिकारियों को विशेष निर्देश दिए जाएंगे।
पायलट का मानना है कि मौजूदा भाजपा सरकार के खिलाफ माहौल बनाने के लिए पार्टी नेताओं को जनता से जुड़े मुददों को जोर शोर से उठाना चाहिए। भाजपा सरकार की जनविरोधी नीतियों से आम जनता परेशान हो उठी है।
प्रदेश में भ्रष्टाचार, महंगाई और बेरोजगारी को लेकर आम आदमी में भाजपा सरकार के प्रति गहरी नाराजगी पनपी हुई है। इसके साथ ही प्रदेश में बढ़ते अपराधों को लेकर भी जनता में आक्रोश है। प्रदेश कांग्रेस की बैठक में भाजपा सरकार के खिलाफ आंदोलन छेड़ने के मसले पर भी विचार किया जाएगा।
कांग्रेस जिला और ब्लाक स्तर से भाजपा के खिलाफ संघर्ष छेड़ने की तैयारी में भी है। कांग्रेस का आरोप है कि भाजपा सरकार बदले की भावना से कार्रवाई कर कांग्रेस नेताओं को साजिश कर फंसाने में लगी हुई है। केंद्र और राज्य सरकार अपने वादों को पूरा करने में पूरी तरह से नाकाम रही है।