लोकसभा सीटों पर उपचुनाव में गठबंधन की ताकत सामने आने के बाद उत्तर प्रदेश में गठबंधन को लेकर मशक्कत का दौर जारी है। मंगलवार को लोकसभा चुनाव को लेकर एक और बड़ी मुलाकात हुई। राष्ट्रीय लोक दल के युवा नेता जयंत चौधरी ने समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव से उनके दफ्तर जाकर मुलाकात की। इस मीटिंग में दोनों नेताओं ने लोकसभा चुनाव 2019 के लिए गठबंधन पर चर्चा की।
‘सवर्ण आरक्षण महज शिगूफा’: अखिलेश से मुलाकात के बाद आरएलडी उपाध्यक्ष जयंत चौधरी ने कहा कि दोनों के बीच राजनीतिक परिस्थितियों के मद्देनजर आगे की रणनीति पर चर्चा हुई है। उन्होंने कहा कि दोनों की बातचीत काफी अच्छी रही। जयंत ने भाजपा के सवर्ण आरक्षण बिल को महज चुनावी शिगूफा करार दिया। इसके साथ ही उन्होंने भाजपा सरकार पर लोकतंत्र के लिए जरूरी व्यवस्थाओं को भी ध्वस्त करने का आरोप लगाया।
सपा-बसपा में हो चुका मंथनः इससे पहले सपा और बसपा के बीच कई बार मंथन हो चुका है। रिपोर्ट्स के मुताबिक उत्तर प्रदेश में सपा-बसपा की 37-37 सीटों के फॉर्मूले पर बात बन चुकी है। वहीं इस समझौते में आरएलडी को दो-तीन सीटें दिए जाने के भी कयास लगाए जा रहे थे। जबकि अमेठी और रायबरेली से चुनाव नहीं लड़ने की भी संभावना है।
आरएलडी क्यों महत्वपूर्णः पश्चिमी उत्तर प्रदेश में राष्ट्रीय लोक दल का खासा दबदबा माना जाता है। इस क्षेत्र की कई सीटों पर पार्टी की अच्छी खासी पकड़ है। हाल ही में कैराना सीट पर भाजपा सांसद हुकुम सिंह के निधन बाद हुए उपचुनाव में भी आरएलडी ने जीत दर्ज की थी। इस दौरान आरएलडी की तबस्सुम हसन ने जीत दर्ज की थी।

