बिहार में एनडीए की प्रचंड जीत हुई है जबकि महागठबंधन की करारी हार हुई है। एनडीए ने 200 से अधिक सीटों पर जीत हासिल की। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार बने हैं लेकिन इस बार गृह विभाग भाजपा के पास गया है। सम्राट चौधरी को गृह विभाग मिला है। इसको लेकर देशभर में चर्चा हो रही है। इस बीच आरजेडी के वरिष्ठ नेता और विधायक भाई वीरेंद्र ने बीजेपी पर तंज कसा है। उन्होंने कहा है कि बिहार में बीजेपी ‘महाराष्ट्र मॉडल’ लागू करने की तैयारी में है।

भाई वीरेंद्र का बड़ा दावा

RJD के भाई वीरेंद्र ने मंगलवार को भाजपा पर तंज कसते हुए कहा कि वह बिहार में वही राजनीतिक रणनीति अपनाने की तैयारी में है, जो महाराष्ट्र में एकनाथ शिंदे प्रकरण के दौरान देखने को मिली थी। उन्होंने दावा किया कि सत्ता समीकरण और पदों के बंटवारे को लेकर बने हालात संकेत देते हैं कि राज्य की राजनीतिक जमीन पर बड़ा बदलाव संभव है।

विधानसभा परिसर में पत्रकारों से बातचीत में भाई वीरेंद्र ने गृह विभाग पहली बार भाजपा कोटे में जाने पर कहा कि राजद इस निर्णय पर टिप्पणी नहीं कर सकता, क्योंकि यह मुख्यमंत्री का विशेषाधिकार है। हालांकि उन्होंने टिप्पणी की कि मौजूदा परिस्थितियां भाजपा की ‘बड़ी राजनीतिक चाल’ की ओर इशारा करती हैं।

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वहीं राजद विधायक राहुल शर्मा ने कहा कि यदि आरजेडी ने विधानसभा अध्यक्ष पद के लिए उम्मीदवार नहीं उतारा, तो इसे एक प्रकार के समर्थन के रूप में देखा जा सकता है। उन्होंने भरोसा जताया कि नए अध्यक्ष सदन में निष्पक्ष वातावरण सुनिश्चित करेंगे, ताकि सरकार और विपक्ष मिलकर जनता के हित में काम कर सके।

बुलडोजर कार्रवाई का आरजेडी विधायक ने किया विरोध

इसी दौरान राजद विधायक आलोक मेहता ने राज्य सरकार की बुलडोजर कार्रवाई के प्रति कड़ा विरोध जताते हुए आरोप लगाया कि सरकार विकास और सुरक्षा के नाम पर मिले जनादेश को भूलकर गरीबों को बेघर कर रही है। आलोक मेहता ने कहा कि यदि अतिक्रमण हटाना आवश्यक था, तो प्रभावित परिवारों के पुनर्वास की व्यवस्था पहले की जानी चाहिए थी। उन्होंने बिना वैकल्पिक व्यवस्था के मकान तोड़े जाने को पूरी तरह अमानवीय बताया। आलोक मेहता ने चेतावनी दी कि लोकतंत्र में जनता सर्वोपरि होती है और गरीबों की आवाज को नजरअंदाज करना किसी भी सरकार के लिए गंभीर ख़तरा साबित हो सकता है।