बिहार में मुख्य विपक्षी दल राजद में सबकुछ ठीक नहीं चल रहा है। पहले कुछ वरिष्ठ नेताओं की पार्टी नेतृत्व से नाराजगी और अब तेजप्रताप यादव का दल में अपने घटते कद को लेकर आवाज उठाना इसी ओर इशारा कर रहे हैं। दरअसल, राजद की ओर तेजस्वी यादव पहले ही सीएम पद के घोषित उम्मीदवार रहे हैं। इसी के साथ वे विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष की जिम्मेदारी भी निभा रहे हैं। ऐसे में जहां पार्टी के कार्यकर्ता तेजस्वी के पार्टी कार्यालय आने पर उनकी आवभगत में जुटे रहते हैं, वैसा स्वागत तेजप्रताप का नहीं होता, जिसे लेकर अब उनकी नाराजगी झलकने लगी है।
बताया जाता है कि लालू प्रसाद यादव के बाद राजद के अधिकतर नेता तेजस्वी को ही पार्टी के सुप्रीमो के तौर पर देखते हैं। ऐसे में तेजस्वी के प्रति कार्यकर्ताओं का उत्साह भी काफी ज्यादा रहता है। यहां तक कि जब कभी तेजस्वी पार्टी कार्यालय पहुंचते हैं, तो उनके आने से पहले ही आगे-पीछे के गेट खुल जाते हैं, जबकि उनके आगे-पीछे स्कॉर्ट पार्टी चलती हैं जो प्रोटोकॉल का पूरा ख्याल रखती है। तेजस्वी की गाड़ी प्रदेश कार्यालय में प्रवेश करने वाले मुख्य दरवाजे तक जाती है। साथ ही पार्टी के सभी बड़े नेता उन्हें रिसीव भी करते हैं।
गेट नहीं खुला, तो नाराज हुए तेजप्रताप: उधर तेजप्रताप के आने पर कभी कार्यालय का गेट खुला रहता है, तो कभी उस पर ताला रहता है। इतना ही नहीं उन्हें रिसीव करने के लिए भी कभी-कभार ही कोई बड़ा नेता आता है। जानकारी के मुताबिक, राजद कार्यालय का गेट रविवार को बंद रहता है। इसलिए तेजप्रताप जब रविवार को आए और गेट को बंद देखा तो भड़क उठे। इसके बाद उन्होंने छात्र राजद के अध्यक्ष को खरी-खरी सुनाई।
वरिष्ठ नेताओं पर तंज कसते रहे हैं तेजप्रताप: तेजप्रताप के स्वागत के लिए बड़े नेताओं के न आने का एक कारण उनका मौजूदा राजद अध्यक्ष जगदानंद के साथ किया बर्ताव भी है। जगदानंद पार्टी के बड़े नेता हैं। यहां तक कि लालू प्रसाद यादव भी उनका काफी सम्मान करते हैं। लेकिन तेजप्रताप कई बार खुले मंच से उन पर तंज कसते नजर आए हैं। ऐसे में वरिष्ठ नेता तेजप्रताप के सामने आने से भी बचते हैं।