बिहार में एनडीए को रोकने के लिए राजद लगातार महागठबंधन करने की कोशिशों में जुटी है। लेकिन अब राजद पार्टी में ही एक सीट को लेकर कलह की खबर सामने आयी है। दरअसल बिहार की पाटलिपुत्र लोकसभा सीट राजद का मजबूत गढ़ मानी जाती है, जहां से पिछले लोकसभा चुनावों में लालू यादव की बेटी मीसा भारती ने पार्टी के टिकट पर चुनाव लड़ा था। अब गुरुवार को राजद मुखिया लालू यादव के बड़े बेटे तेजप्रताप यादव ने इस सीट पर एक बार फिर मीसा भारती को दावेदार बताया है। वहीं राजद के एक विधायक और पाटलिपुत्र लोकसभा सीट में अच्छा-खासा प्रभाव रखने वाले भाई वीरेंद्र ने यह कहकर पार्टी के सामने मुश्किल खड़ी कर दी है कि यदि पार्टी फैसला करती है तो वह पाटलिपुत्र से चुनाव लड़ने के लिए तैयार हैं।

टिकट को लेकर खींचतानः गुरुवार को पार्टी कार्यकर्ताओं के साथ एक बैठक में तेजप्रताप यादव ने कहा कि “मेरी बहन मीसा भारती ने पाटलिपुत्र लोकसभा सीट में काम किया है, ऐसे में उनका इस सीट पर स्वभाविक दावा है। वह एक महिला नेता हैं और मैं उनके लिए चुनाव प्रचार करुंगा। मैं आज से ही उनके लिए चुनाव प्रचार शुरु कर दूंगा।” जब तेजप्रताप यादव को राजद विधायक भाई वीरेंद्र के दावे के बारे में बताया गया तो तेजप्रताप यादव ने कहा कि ‘कौन हैं भाई वीरेंद्र? उन्हें महिलाओं की इज्जत करनी चाहिए और पार्टी की महिला नेता का सपोर्ट करना चाहिए।’ हिंदुस्तान टाइ्म्स की एक खबर के अनुसार, मानेर से राजद विधायक भाई वीरेंद्र ने भी पाटलिपुत्र सीट पर दावा ठोक दिया है। राजद विधायक का कहना है कि “वह पार्टी के एक सच्चे सिपाही हैं और वह पार्टी के फैसलों से बंधे हैं। यदि पार्टी मुझे टिकट देने का फैसला करती है तो मैं पाटलिपुत्र सीट से, जहां मैंने लंबे समय तक काम किया है, वहां से चुनाव लड़ने के लिए तैयार हूं।” हालांकि उन्होंने ये भी कहा कि पार्टी यहां से जिसे भी टिकट देगी, वह उसका पूरा समर्थन करेंगे। सूत्रों के अनुसार, राजद विधायक भाई वीरेंद्र ने पाटलिपुत्र में चुनाव अभियान शुरु भी कर दिया है। माना जा रहा है कि वह अपनी इस कोशिश से पार्टी पर टिकट के लिए दबाव बनाना चाहते हैं।

वहीं जब मीसा भारती से इस बारे में बात की गई तो उन्होंने हिंदुस्तान टाइम्स के साथ फोन पर बातचीत में कहा कि “मैंने पाटलिपुत्र संसदीय क्षेत्र में काम किया है और मैं उस सीट से चुनाव लड़ूंगी। इसमें किसी को कोई शक नहीं होना चाहिए। जब उन्हें भाई वीरेंद्र के टिकट को लेकर की जा रही दावेदारी के बारे में सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि इस सीट पर कोई वैकेंसी नहीं है, ऐसे में किसी दूसरे व्यक्ति द्वारा मुझे इस सीट से चुनाव ना लड़ने देने का सवाल ही नहीं उठता।” वहीं राजद के एक वरिष्ठ नेता ने पहचान जाहिर ना करने की शर्त पर बताया कि “राजद महत्वपूर्ण लोकसभा सीटों पर अपने मजबूत उम्मीदवारों की दावेदारी को नजरअंदाज नहीं कर सकती। खासकर पाटलिपुत्र जैसी सीट, जहां पार्टी का काफी कुछ दांव पर लगा है। यदि टिकट आवंटन में कोई गड़बड़ी होती है तो पार्टी को उलटफेर का सामना भी करना पड़ सकता है।”

2014 के लोकसभा चुनावों में भी हुआ था विवादः पाटलिपुत्र सीट पर साल 2014 के लोकसभा चुनावों में भी विवाद हुआ था। दरअसल इस सीट पर राजद ने अपने वरिष्ठ नेता रामकृपाल यादव का टिकट काटकर मीसा भारती को उम्मीदवार बनाया था। इससे नाराज होकर रामकृपाल यादव ने भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़ा था। खास बात ये है कि रामकृपाल यादव ने मीसा भारती को हराकर इस सीट पर भाजपा का परचम फहराया था। अब 2019 के लोकसभा चुनावों में भी पाटलिपुत्र सीट पर टिकट वितरण राजद के लिए सिरदर्द बनता दिखाई दे रहा है।