BJP Councilors Shifted before Civic Chair Poll: सियासी दलों में आजकल एक आम बात देखी जा रही है कि वो राज्यसभा या जिनमें प्रतिनिधियों को वोटिंग करनी होती है ऐसे चुनावों से पहले क्रॉस वोटिंग के डर से वो अपने चुने गए सदस्यों को फाइव स्टार होटलों में शिफ्ट कर देते हैं। मध्य प्रदेश के निकाय चुनाव में बीजेपी ने अपने महपौर का पद गवां दिया है। इस वजह से ग्वालियर नगर निगम चुनावों को देखते हुए बीजेपी ने अपने पार्षदों के लिए बाड़ेबंदी का इंतजाम कर दिया है। कहते हैं कि ‘दूध का जला छाछ भी फूंक-फूंक कर पीता है’ ये कहावत इस समय पूरी तरह से ग्वालियर पार्षदों पर चरितार्थ हो रही है।

मध्य प्रदेश के ग्वालियर में निकाय चुनाव में मेयर की कुर्सी गंवाने के बाद बीजेपी ने ग्वालियर में पहले से ही सावधानी बरतनी शुरू कर दी है। ग्वालियर बीजेपी ने सभी पार्षदों को दिल्ली शिफ्ट कर दिया है। ग्वालियर बीजेपी नेताओं ने लग्जरी बस में भरकर पार्षदों को दिल्ली भेज दिया है और तर्क दिया है कि बीजेपी के वरिष्ठ नेताओं के साथ उनकी बैठक होनी है। मंगलवार की सुबह ग्वालियर के जीते हुए सभी 34 पार्षदों को दिल्ली शिफ्ट कर दिया है।

मंगलवार को 34 Councilors को बस से Delhi भेजा गया

मंगलवार की सुबह सभी जीते हुए 34 पार्षदों को बस में बैठा कर बीजेपी जिला अध्यक्ष उन्हें दिल्ली ले गए हैं। दरअसल, 5 अगस्त को ग्वालियर में नगर निगम के लिए सभापति का चुनाव होना है। इस चुनाव को लेकर दोनों ही दल बीजेपी और कांग्रेस में होड़ लगी है कि पार्षद हमारी ही पार्टी का सदस्य चुना जाए। इस वजह से दोनों ही दल एक दूसरे के पार्षदों को तोड़ने के चक्कर में लग गए हैं। दिल्ली में केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर और केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया से सभी पार्षदों की मुलाकात करवाई जाएगी। इसके बाद उन्हें गोपनीय स्थान पर भेज दिया जाएगा। सभी पार्षद 5 अगस्त को ग्वालियर लौटेंगे और उसी दिन सभापति का चुनाव भी होना है।

57 साल बाद ग्वालियर में हारी BJP

इसके पहले केंद्रीय मंत्रियों ज्योतिरादित्य सिंधिया और नरेंद्र सिंह तोमर के गढ़ ग्वालियर में 57 साल बाद मेयर का पद गंवाने के बाद पार्टी यह सुनिश्चित करने के लिए कुछ भी नहीं छोड़ रही है कि उसके अध्यक्ष को पार्षदों की परिषद का प्रमुख चुना जाए। कांग्रेस प्रत्याशी शोभा सिकरवार के ग्वालियर मेयर चुने जाने से बीजेपी अध्यक्ष नहीं गंवाना चाहती है। मतदान के दिन ही पार्षद ग्वालियर में उतरेंगे। हाल ही में संपन्न हुए नगर निगम चुनावों में, बीजेपी ने 16 मेयर पदों में से 7 को गंवा दिए। वहीं कांग्रेस ने साल 1999 के बाद से अपने सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन में 5 पर जीत हासिल की। ​​अपनी हार के बावजूद अभी भी बीजेपी के पास अभी भी लगभग 80 प्रतिशत नगर निगमों और परिषदों में बहुमत है।

Cross Voting से बचने के लिए किए गए इंतजाम

द प्रिंट वेबसाइट की रिपोर्ट के मुताबिक बीजेपी के एक वरिष्ठ नेता ने बताया है, “वहां पर कई कैंप हैं जो लगातार अपने प्रत्येक कैंडिडेट के लिए जोर दे रहे हैं। स्वाभाविक रूप से इस बात की आशंका है कि कहीं पार्षदों को तोड़ न दिया जाए। इसलिए यह महसूस किया गया कि मतदान से पहले सभी पार्षदों की एक बैठक आयोजित की जानी चाहिए और उन्हें क्रॉस-वोटिंग से बचने के लिए कहा जाना चाहिए या यह पार्टी के लिए शर्मनाक हो जाएगा।”

हमारे Councilors एकजुट हैंः कमल मखीजानी

ग्वालियर क्षेत्र के लिए बीजेपी के जिलाध्यक्ष कमल मखीजानी से बात की तो उन्होंने बताया, “पार्षदों को दिल्ली लाया गया है क्योंकि एक बैठक है जो वरिष्ठ नेताओं के साथ बैठक से पहले होती है जो संसद सत्र में व्यस्त हैं और इसलिए, मध्य प्रदेश में नहीं आ पाए हैं। कांग्रेस अफवाह फैलाने में व्यस्त है, लेकिन हमारे पार्षद एकजुट हैं और हम आसानी से इस पद पर जीत हासिल कर लेंगे।”

‘Councilors घूमने जाएंगे’

पार्षद हरियाणा के एक रिजॉर्ट में रुकेंगे और आसपास के स्थानों पर घूमने भी जाएंगे। मखीजानी ने कहा, ‘मतदान से पहले ज्योतिरादित्य सिंधिया, नरेंद्र सिंह तोमर और अन्य नेताओं के साथ बैठक होगी।’मध्य प्रदेश बीजेपी प्रवक्ता हितेश बाजपेयी ने कहा ‘पार्षद दिल्ली में वरिष्ठ नेताओं से मिलने गए हैं। इसमें कोई राजनीतिक मुद्दा नहीं है और भाजपा को ग्वालियर में अपना अध्यक्ष होने का भरोसा है।’