Afzal Ansari on Mulayam Singh: बहुजन समाज पार्टी के सांसद अफजाल अंसारी ने मुलायम सिंह यादव को याद करते हुए खूब तारीफ की। उन्होंने यूपी तक वेब पोर्टल से बात करते हुये मुलायम सिंह के साथ अपने रिश्तों के याद किया। अफजाल अंसारी ने कहा कि उनकी (मुलायम सिंह यादव) के निधन की खबर जब मिली तो बहुत दुख हुआ। उन्होंने आगे कि मुलायम सिंह यादव को हम लोग अपने अभिभावक के समान मानते थे। उनसे बहुत कुछ सीखा है। सदन में कई मुद्दों पर हम साथ रहे है। वह जो सोच लेते थे वो कर देते थे नफा-नुकसान नहीं देखते थे।
बसपा सांसद ने आगे कि जब वह देश के रक्षामंत्री थे तो कई फैसले निर्भिक होकर लिया। उन्होंने कहा कि सेना में जब जवान शहीद होता है, तो उसका शव उसके परिजन तक पहुंचे ये फैसला मुलायम सिंह यादव ने लिया था। साथ ही कहा कि मुलायम सिंह यादव के समय में भारतीय सेना चीन की सीमा में 4 किलोमीटर तक अंदर गई थी। बहुजन समाज पार्टी के सांसद अफजाल अंसारी ने मुलायम सिंह के कई फैसलों को याद करते हुआ कहा कि उर्दू को राजभाषा का दर्जा दिया जाए ये फैसला मुलायम सिंह यादव का था। हिंदी को कम करके अंग्रेजी को बढ़ावा दिया जाए वह (मुलायम सिंह यादव) इसके पक्षधर नहीं थे।
‘इंदिरा गांधी के बाद कड़े फैसले लेने वाले सिर्फ मुलायम सिंह यादव ही थे’
सांसद अफजाल अंसारी ने कहा कि इंदिरा गांधी के बाद कोई है जो कड़े फैसले लेता था वह मुलायम सिंह यादव ही थे। वह स्पोर्ट्समैन भी थे, शिक्षिक थे। किसान परिवार के थे। वह पहलवानी करते थे. बसपा सांसद ने कहा कि उनका चरखा दांव बहुत मशहूर था। उनके जाने से समाजवादी आंदोलन को बहुत बड़ा नुकसान हुआ है। उन्होंने आगे कहा कि मुलायम सिंह के आदर्श को लेकर कितना लोग चलते है ये देखना होगा। अफजाल अंसारी ने बताया कि मुलायम सिंह के साथ उनका रिश्ता कैसा था। उन्होंने कहा कि मुलायम सिंह ने निजी रुप से उनका काम किया है, मैं उनका मैं एहसान मानता हूं। उन्होंने कहा कि मेरे ऊपर 1991 में, जब बीजेपी की सरकार थी तो बड़े ही सुनिययोजित ढंग से मेरा दमन किया गया। छापा और कुड़की के नाम पर मेरे घर तहस-नहस किया गया। मेरे बुजुर्ग पिता को अपमानित किया गया।
मुलायम सिंह यादव ने किए हैं मुझ पर बड़े एहसान
मुलायम सिंह के एहसान को याद करते हुये अफजाल अंसारी ने कहा कि 30 मई 1992 को गाजीपुर के लंका मैदान में एक बहुत बड़ी रैली को संबोधित करने पहुंचे थे। यहां उन्होंने एक आवाज खड़ी की, अत्याचार और जुल्म के खिलाफ सड़क पर आकर लड़ना होगा। इस लड़ाई में मुलायम सिंह हमारे साथ खड़े थे। उन्होंने कहा कि मैं उनके दल में भी नहीं था, मैं सीपीआई में था। वहीं, इस बातचीत में अफजाल अंसारी ने अखिलेश यादव पर कहा कि उनको (अखिलेश यादव) को बच्चा नहीं समझना चाहिए, वह मुलायम सिंह के गाइडेंस में पले हैं, बढ़े हैं। बसपा सांसद ने कहा कि मुलायम सिंह यादव के आदर्शों को अब लोग अखिलेश यादव में देखेंगे।