दिल्ली के झुग्गी झोपड़ी वालों के लिए बनाए गए 50 हजार फ्लैट्स आबंटित नहीं होने की वजह से खंडहर हालात में पड़े हैं। दिल्ली सरकार अब इन फ्लैट को दुरूस्त करने के लिए योजना तैयार करेगी। इन फ्लैटों को पात्र लाभार्थियों को दो चरणों में आबंटित किया जाएगा। पहले चरण में 15 से 20 हजार फ्लैट्स को आबंटित किया जाएगा, जिनकी पहले मरम्मत की जाएगी।
यह ऐसे फ्लैट होंगे, जिनकी मरम्मत पर बहुत कम लागत आएगी। इसके अलावा, दिल्ली सरकार राजधानी में वर्षों से लंबित ‘सेफ आवास’ (साइट आसन्न फैक्ट्री कर्मचारी) योजना को भी लागू करने की दिशा में कदम उठाएगी। इस योजना के तहत जवाहर लाल नेहरू शहरी नवीनीकरण मिशन (जेएनएनयूआरएम) और राजीव आवास योजना (आरएवाइ) के तहत खाली और निर्माणाधीन घरों को शहरी प्रवासियों/गरीबों के लिए किफायती किराए के आवास (अफोर्डेबल रेंटल हाउसिंग काम्प्लेक्स) के रूप में परिवर्तित करने का काम किया जाएगा। इस पर जल्द ही मौजूदा दिल्ली सरकार और केंद्र के बीच करार हो सकता है। आधिकारिक सूत्रों के मुताबिक, केंद्रीय आवासन एवं शहरी मामलों के मंत्रालय की तरफ से दिल्ली के मुख्य सचिव धर्मेंद्र को एक पत्र लिखा गया है।
दिल्ली जेजे कलस्टर पुनर्वास के तहत दिए जाएंगे फ्लैट
यह कार्रवाई उस पत्र के जवाब में की गई, जिसमें मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने मंत्रालय से दिल्ली शहरी आश्रय सुधार बोर्ड (ड्यूसिब) की अप्रयुक्त केंद्रीय सहायता राशि के इस्तेमाल की इजाजत मांगी थी। केंद्र सरकार ने दिल्ली सरकार को इस राशि के उपयोग की इजाजत दे दी है। दिल्ली सरकार इस राशि का इस्तेमाल करने वाली कार्यान्वयन एजंसी है। उसके पास ड्यूसिब परियोजनाओं की यह राशि बिना खर्च किए पड़ी हुई है।
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दिल्ली सरकार को यह राशि जेएनएनयूआरएम के अंतर्गत जारी की गई थी। अब सरकार इस राशि का इस्तेमाल मिशन के निर्माणाधीन घरों की मरम्मत के साथ दूसरे कार्यों को पूरा करने के लिए कर सकती है। मुख्य सचिव को केंद्र ने यह भी इजाजत दे दी है कि इस राशि का इस्तेमाल प्रधानमंत्री आवास योजना- शहरी 2.0 के अंतर्गत आबंटन या दिल्ली जेजे कलस्टर पुनर्वास एवं पुनर्वास नीति के अनुसार पात्र झुग्गी झोपड़ी वालों के लिए इन फ्लैट्स को रहने योग्य बनाने को किया जा सकता है।
केंद्र की दिल्ली सरकार को सलाह
दिल्ली सरकार को यह भी साफ कर दिया गया कि मंत्रालय को समय सीमा समाप्त होने के बाद इस्तेमाल प्रमाण पत्र (यूटिलाइजेशन सर्टिफिकेट) पेश करना जरूरी है। दिल्ली सरकार को खुद के संसाधनों से जेएनएनयूआरएम के बाकी निर्माणाधीन आवासों का निर्माण पूरा करने को भी कहा गया है। दिल्ली सरकार को इसके लिए ड्यूसिब को फंड आबंटित करना होगा। इसके अलावा दिल्ली सरकार द्वारा ड्यूसिब को जेएनएनयूआरएम आवासों को रहने के लिए योग्य बनाने या पुनर्वास के लिए उपलब्ध कराने को लेकर भूमि स्वामित्व वाली एजंसियों/लाभार्थियों से एकत्र धनराशि के इस्तेमाल करने की अनुमति देनी होगी।
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दिल्ली सरकार को सलाह दी गई है कि ड्यूसिब के करीब 10,000 से 12,000 फ्लैट्स और डीएसआइआइडीसी के करीब 5000 से 8000 फ्लैट्स का निर्माण/मरम्मत का काम पहले चरण में पूरा कर आबंटित किया जाए। बाकी बचे फ्लैट्स को दुरूस्त करने का काम अगले चरण में किया जाए। दूसरे चरण में इनकी मरम्मत या पुनर्निर्माण का काम किया जा सकेगा। केंद्रीय मंत्रालय ने मुख्य सचिव धर्मेंद्र को निर्देश दिए हैं कि वो इस पूरे मामले को लेकर एक समयबद्ध कार्ययोजना तैयार करें और उसका अनुपालन करवाएं।