लेकिन इसमें 147 रजिस्ट्रार के पद खाली पड़े हैं, जिससे उप निबंधक कार्यालयों की जिम्मेदारी बाबुओं के पास है। जबकि सरकारी खजाना जमीन के बैनामे से भरता है। लेकिन अयोध्या, लखनऊ, वाराणसी, रायबरेली आदि जनपदों में रजिस्ट्रार के पद खाली पड़े हैं।

अयोध्या में मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम का मंदिर निर्माण शुरू होने के बाद अयोध्या में जमीन की कीमत दिल्ली, मुंबई, चेन्नई से ज्यादा महंगी है। लेकिन उप निबंधक कार्यालय में रजिस्ट्रार के पद खाली पड़े हैं। उप निबंधक कार्यालयों में रजिस्ट्रार का कार्यकाल तीन साल का होता है। लेकिन कार्यकाल पूरा होने के बाद भी रजिस्ट्रारों के तबादले ठंडे बस्ते में पड़े हैं। कार्यकाल पूरा कर चुके कई रजिस्ट्रार समय का हवाला देकर खुद तबादले के लिए महानिरीक्षक निबंधन लखनऊ को पत्र लिखे हैं।

लेकिन तबादले की अर्जी अफसर दबाकर बैठे हैं। सहायक महानिरीक्षक निबंधन सीपी मौर्य ने बताया कि उप निबंधक कार्यालय गौरीगंज जनपद अमेठी में तैनात प्रदीप ओबेरॉय का कार्यकाल तीन साल पूरे हो चुके हैं। जिससे वे नियमानुसार तबादला चाहते हैं। इसके लिए ओबेरॉय सहायक महानिरीक्षक के माध्यम से लखनऊ के महानिरीक्षक निबंधन को पत्र लिखा है। एक अधिकारी ने बताया कि रजिस्ट्रार से खाली उप निबंधक कार्यालयों में स्टांप ड्यूटी और शुल्क दोनों की चोरी होती है। इसके बदले प्रभारी बाबुओं की जेब भरती है, जिससे राजस्व कम जाता है।

सरकारी खजाने को हर महीने लाखों का चूना लगाया जाता है। उप निबंधक कार्यालयों में 1980 के बाद के बैनामे आनलाइन किए जा रहे हैं। ताकि कोई भी जमीन का लेखा जोखा देख सके। योगी आदित्यनाथ की सरकार आने के बाद बैनामे आनलाइन होते हैं। लेकिन स्टांप की चोरी और धोखाधड़ी बंद नहीं है। जमीन करोबार से जुड़े लोग अनपढ़ गंवार को फंसाकर करोड़ों की संपत्ति अर्जित कर लेते हैं।

गौरीगंज के रजिस्ट्रार प्रदीप ओबेरॉय ने बताया कि आए दिन धोखाधड़ी के शिकार आते रहते हैं। उन्होंने बताया कि एक महीने पहले एक बुजुर्ग से एक बिस्वा जमीन का सौदा था। लेकिन पूरी संपत्ति के कागज़ पर हस्ताक्षर करा लिए गए थे। मगर बुजुर्ग की संपत्ति बचा दिए थे। रजिस्ट्री कार्यालय में धोखाधड़ी के मामले ज्यादा आते हैं। लेकिन धोखाधड़ी रोकने के लिए रजिस्ट्रार होते हैं। जहां नहीं है वहां धोखाधड़ी ज्यादा होती है।

भाजपा नेता अमरेंद्र सिंह पिंटू ने कहा कि ईमानदार अफसर नियमानुसार तीन साल बाद तबादला चाहते हैं। लेकिन मलाई काटने वाले एक स्थान पर पूरी नौकरी करना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने तीन साल के ऊपर वाले अफसरों को हटाने का आदेश जारी किए थे। इसके बाद जनहित से जुड़े पदों पर बैठे अफसरों को हटाने के लिए विभागीय प्रस्ताव पर मुख्यमंत्री कार्यालय तबादला आदेश जारी करता हैं।