Delhi Kanjhawala Case : राजधानी दिल्ली (Delhi) के सुल्तानपुरी (Sultanpuri) के कंझावला (Kanjhawala) के जिस इलाके में एक 20 वर्षीय लड़की की मौत हुई वहां के हालात बेहतर नहीं दिखाई देते। कंझावला (Kanjhawala) की सड़क को महज़ वाहनों और दुकानों से निकलने वाली रोशनी का सहारा है। यहां स्ट्रीट लाइटें तो हैं लेकिन बिना रोशनी के डिवाइडर पर खड़ी हैं। थोड़ा आगे बढ़ने पर सड़क के दाहिनी ओर पीली बत्तियाँ दिखाई देती हैं। सीसीटीवी काफी हद तक नदारद दिखाई देते हैं। सड़कें ऊबड़-खाबड़ और गड्ढों से भरी हुई हैं।

बेगमपुर चौक से यह इलाका फिर से एक किलोमीटर तक के लिए अंधेरे में डूबा दिखाई देता है। कंझावला के कुछ हिस्सों में जहां लड़की को घसीटा गया था, बड़ी चट्टानें और कंक्रीट के टुकड़े हैं। चौक पर पुलिस चौकियों का न होना साफ देखा जा सकता है। इस इलाके में दोनों ओर की दुकानों के जगह पर खेत और खाली जमीन है।

क्या कहते हैं इलाके में मौजूद लोग

इंडियन एक्सप्रेस की टीम ने इस इलाके में रहने वाले कुछ लोगों से बात की है। इलाके में मौजूद पेट्रोल पंप के प्रबंधक अतुल भिरगु (23) कहते हैं कि यहां पुलिस की गश्त लगातार होती है और दिन में लगभग 15 बार होती है। रात में अंधेरा और सुनसान होता है। उन्होंने सीसीटीवी स्क्रीन की ओर इशारा करते हुए कहा, देखिए कितना कम रोशनी है अब इतनी सुबह कौन इसमें दिखाई देगा ? पास में खेत हैं और हमें सड़क पर कुछ भी दिखाई नहीं दे रहा है।

फर्नीचर की दुकान में काम करने वाले दीपक कुमार कहते हैं कि महिला को सुल्तानपुरी थाने के पास मारा गया है। घटनास्थल के पास स्टेशन होने के बावजूद कोई नहीं जानता था कि यह घटना हुई है। घटनास्थल रजनी गुप्ता अस्पताल के पास थाने से 1.7 किमी दूर था। इंडियन एक्सप्रेस की टीम ने एक रिक्शा चालक रतन सिंह से भी बात की। रतन सिंह ने कहा कि वे अक्सर इस इलाके में पुलिस को देखते हैं। उन्होंने कहा कि तीन साल से स्ट्रीट लाइटें नहीं जली हैं और सिर्फ दो सीसीटीवी कैमरे लगे हैं।

पास की एक दुकान के मालिक पंकज ने कहा कि सड़क पर लगी लाइटें नहीं जलती हैं। केवल दुकानों पर सीसीटीवी हैं। सड़क के पास एक भी नहीं है। जब तक मैं रात 11 बजे दुकान बंद करता हूं, तब तक लगभग हर छोटी दुकान हट चुकी होती है। और इलाका सुनसान हो जाता है। केवल एक अस्पताल चौबीसों घंटे चलता है, बाकी रात 10 बजे के बाद खाली हो जाते हैं।

“इलाके में अपराध की घटनाएं आम हैं”

हादसा मुख्य कंझावला रोड पर हुआ जहां एक लेन से एक साथ दो कार और एक बाइक आसानी से निकल जाती है। हर दूसरे मिनट में डीटीसी की बसें भी दिखाई दे रही थीं। आरोपियों ने जांच के दौरान कहा है कि सड़क संकरी होने के कारण यह हादसा हुआ। एक दुकान पर सेल्समैन कबीर ने कहा कि इलाके में अपराध की घटनाएं ज्यादा हैं। जब यहां में चोरी हुई तो पुलिस ने एक रिपोर्ट दर्ज की लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। दोषियों की जांच या पता लगाने के लिए उनके पास कोई कैमरा नहीं है।

स्थानीय लोगों का कहना है कि नए साल की पूर्व संध्या पर पुलिस की मौजूदगी देखी जा सकती थी। फाइनेंसिंग कंपनी के एक गेट पर तैनात सुरक्षा गार्ड पवन कुमार ने बताया कि उनकी शिफ्ट शाम साढ़े सात बजे खत्म होती है। रात 11 बजे के बाद कोई भी दुकान खुली नहीं रहती है। एक रेस्टोरेंट के मालिक अभय जैन ने कहा कि पुलिस हमें समय पर दुकान बंद करने के लिए कहने आई थी। वे सभी दुकानदारों को अपने-अपने दुकान बंद करने का निर्देश दे रहे थे।