बिहार के विधानसभा चुनाव में आरजेडी को भले ही करारी हार का सामना करना पड़ा और उसके सिर्फ 25 विधायक ही चुनाव जीते लेकिन पार्टी में राजनीतिक वंशवाद अभी भी काफी गहरा है। इसका मतलब यह कि आरजेडी के जो विधायक चुनाव जीत कर आए हैं, उनमें काफी संख्या में ऐसे विधायक भी हैं जो राजनीतिक परिवारों से ताल्लुक रखते हैं।
राजनीतिक परिवार से हैं 10 विधायक
आरजेडी के 25 में से 10 विधायक राजनीतिक परिवारों से आते हैं। इनमें प्रमुख नाम राजद के सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव के बेटे तेजस्वी यादव का है। तेजस्वी यादव के अलावा आरजेडी के पूर्व सांसद मोहम्मद शहाबुद्दीन के बेटे ओसामा शहाब और पूर्व मुख्यमंत्री दरोगा प्रसाद राय की पोती करिश्मा राय का नाम इनमें प्रमुख है।
आरजेडी में राजनीतिक परिवारों से आने वाले विधायकों का आंकड़ा 40% है जबकि पिछली बार यह 42% था।
सबसे ज्यादा और सबसे कम वोटों से जीतने वाले उम्मीदवार कौन हैं?
एनडीए में शामिल केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी की पार्टी हिंदुस्तान अवाम मोर्चा (सेकुलर) को इस चुनाव में 5 सीटों पर जीत मिली है। इनमें से तीन विधायक ऐसे हैं जो जीतन राम मांझी के परिवार से हैं। इनमें जीतन राम मांझी की बहू दीपा कुमारी, दामाद प्रफुल्ल कुमार और समधन ज्योति देवी (दीपा कुमारी की मां) भी शामिल हैं। पार्टी के एक और विधायक रोमित कुमार लोकसभा के पूर्व सांसद अरुण कुमार के भतीजे हैं।
बीजेपी में 23.59% है आंकड़ा
बीजेपी की बात करें तो पार्टी को 89 सीटों पर जीत मिली है लेकिन उसके 23.59% विधायक ऐसे हैं जो राजनीतिक घरानों से संबंध रखते हैं। ऐसे विधायकों में शूटर से विधायक बनी श्रेयसी सिंह (पूर्व केंद्रीय मंत्री दिग्विजय सिंह की बेटी), पिछली सरकार में उद्योग मंत्री रहे नीतीश मिश्रा (पूर्व सीएम जगन्नाथ मिश्रा के बेटे), नितिन नबीन (पूर्व विधायक नबीन किशोर सिन्हा के बेटे), भाजपा विधायक दल के नेता सम्राट चौधरी (पूर्व मंत्री शकुनि चौधरी के बेटे), संजीव चौरसिया (पूर्व एमएलसी और पूर्व राज्यपाल गंगा प्रसाद चौरसिया के बेटे) का नाम प्रमुख है।
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जेडीयू का क्या हाल है?
वंशवादी राजनीति के विधायकों के मामले में 85 सीटें जीतने वाली जेडीयू की बात करें तो इनमें विजय कुमार चौधरी (पूर्व विधायक जगदीश प्रसाद चौधरी के बेटे), महेश्वर हजारी (पूर्व विधायक राम सेवक हजारी के बेटे), जयंत राज (पूर्व विधायक जनार्दन मांझी के बेटे), शीला कुमारी (पूर्व विधानसभा अध्यक्ष धनिकलाल मंडल की बहू), सुनील कुमार (पूर्व विधायक चंद्रिका राम के बेटे), चेतन आनंद (सांसद लवली आनंद और पूर्व सांसद आनंद मोहन के बेटे) शामिल हैं।
सीपीएम के एकमात्र विधायक अजय कुमार पूर्व विधायक योगेंद्र सिंह के पुत्र हैं।
मामूली सी गिरावट आई
बिहार की पिछली विधानसभा में ऐसे विधायकों का आंकड़ा 28.81% था, जो राजनीतिक परिवारों से आते थे जबकि 2025 में यह आंकड़ा 24.28% रह गया है। इसका मतलब इसमें कुछ हद तक गिरावट आई है। 243 सदस्यों वाली बिहार की विधानसभा में 59 विधायक ऐसे हैं जो वर्तमान या पूर्व विधायकों के परिवारों से संबंध रखते हैं जबकि पिछली विधानसभा में ऐसे विधायकों की संख्या 70 थी।
59 विधायकों में से कम से कम 45 ऐसे हैं जिनके माता या पिता में से कोई एक विधायक, विधान परिषद सदस्य या सांसद रह चुके हैं।
