उत्तर प्रदेश के रामपुर में ISIS के नाम से धमकी भरी चिट्ठियां गांव वालों को भेजने की घटना का पुलिस ने खुलासा किया है। पुलिस ने कहा कि धमकी भरे पत्र भेजने वाला कोई और नहीं, बल्कि गांव का ही युवक है। जो यूपीएससी की तैयारी कर रहा है।

पुलिस के अनुसार, अनवा गांव के किसान कुलदीप के घर के बाहर चार लिफाफे मिले थे, जो चार अलग-अलग लोगों के नाम से लिखे गए थे, लेकिन उन चारों की भाषा एक जैसी थी और ये पत्र एक ही शख्स द्वारा लिखे गए थे। पुलिस ने इस मामले के आरोपी को पकड़ लिया है। इसकी जांच की जा रही है।

आरोपी ने पत्र में खुद का आतंकी संगठन का सदस्य बताया

पत्र लिखने वाला शख्स खुद को आतंकवादी संगठन का सदस्य बता रहा था। पत्र में आईएसआईएस लिखा था। इसमें लोगों को जान से मारने की धमकी दी गई थी। यह मामला जब पुलिस के संज्ञान में आया तो जांच शुरू की गई।आईबी को भी मामले की सूचना दे दी गई।

इस पूरे मामले की जांच एलआईयू की स्पेशल ब्रांच भी कर रही है कि ये पत्र कहां से आए और इनका मकसद क्या है। इस घटना को लेकर गांव में सुरक्षा व्यवस्था बढ़ा दी गई है। कुलदीप के घर पर गार्ड तैनात कर दिए गए हैं।

इस घटना के 20 दिन बाद धमकी देने वाले ने एक बार फिर किसानों के घर धमकी भरा पत्र भेजा और इस पत्र के सहारे पुलिस ने आरोपी को पकड़ लिया। यह आरोपी उसी घर का सदस्य था, जिसने आईएएस बनने के लिए यूपीएससी परीक्षा की ऑनलाइन कोचिंग की और लेटरल एंट्री की चाह में कुछ खास करने के लिए साजिश रची।

21 जुलाई की है घटना

21 जुलाई की सुबह 7 बजे रामपुर की तहसील शाहबाद के गांव अनवा में एक किसान के दरवाजे पर चार चिट्ठियां मिलीं, जिनके साथ आईएसआईएस का झंडा गिफ्ट पैक बनाकर भेजा गया था। इसी के साथ जान से मारने व तबाह करने की धमकी दी गई थी। धमकीबाज ने खुद को आतंकी संगठन का सदस्य होने का दावा करते हुए किसान कुलदीप सिंह के घर पर पत्र डाला था।

इसमें आईएसआईएस का झंडा निशान वगैरह बनाया गया था। लेटर में धमकी देते हुए लिखा गया था कि तुम्हारे परिवार पर हमारी निगाहें हैं। हम पूरे परिवार को उड़ा देंगे, नहीं तो ये पैन ड्राइव और मैप हमारे आदमी को पहुंचा दो। इस पूरे मामले को इस तरह प्रोजेक्ट किया गया था, जैसे कोई आतंकवादी संगठन हो, जो बड़ी घटना को अंजाम देना चाहता है।

घटना के बाद आरोपी लाना चाहता था सच्चाई

पुलिस अधीक्षक अशोक कुमार शुक्ला ने बताया कि पकड़े गए आरोपी ने पूछताछ में कहा है कि वह ऑनलाइन कोचिंग कर यूपीएससी की तैयारी कर रहा है। उसको जानकारी मिली कि आजकल आईएएस-आईपीएस में लेटरल एंट्री शुरू हो गई है। आरोपियों ने सोचा कि वह कोई ऐसा कारनामा कर दे कि भारत सरकार उन्हें पहचान ले। उनके हीरोइक जॉब को एडमिट कर ले, एक्सेप्ट कर ले और लेटरल एंट्री मिल जाए। इसी सोच के साथ ये कहानी रची। आरोपी का कहना है कि वह इस पूरे घटनाक्रम के बाद सच्चाई सामने लाना चाहता था।