केरल सरकार ने सोमवार को छत्तीसगढ़ के एक प्रवासी मजदूर के परिवार को ₹10 लाख की आर्थिक सहायता देने का आश्वासन दिया है। आरोप है कि कुछ लोगों ने उसे चोर समझकर बुरी तरह पीटा, जिससे उसकी मौत हो गई। सरकार को यह ऐलान इसलिए करना पड़ा, क्योंकि पीड़ित परिवार शुरू में किसी भी तरह की सहायता स्वीकार करने से इनकार कर रहा था।
इस मॉब लिंचिंग का एक वीडियो भी सामने आया है, जिसमें एक आरोपी लगातार पीड़ित से पूछता दिख रहा है-“क्या तुम बांग्लादेशी हो?” इस मामले पर प्रतिक्रिया देते हुए पलक्कड़ से सीपीएम नेता एम. बी. राजेश ने कहा कि माइग्रेंट वर्कर संघ परिवार की नफरत वाली राजनीति का शिकार हुआ। उनके मुताबिक, पहले पीड़ित को बांग्लादेशी बताया गया और फिर उसकी बेरहमी से पिटाई की गई।
एम.बी. राजेश ने दावा किया कि आरोपियों में आरएसएस से जुड़े कार्यकर्ता शामिल थे, जिन पर पहले से ही कई आपराधिक मामले दर्ज थे। उन्होंने कहा कि मृतक नौकरी की तलाश में केरल आया था, लेकिन उसे बांग्लादेशी बताकर पीटा गया। यह उसी नफरत का नतीजा है, जिसे संघ परिवार बढ़ावा दे रहा है।
जानकारी के अनुसार, मॉब लिंचिंग में जान गंवाने वाले शख्स का नाम राम नारायण बघेल था। वह 31 साल का था और छत्तीसगढ़ के शक्ति जिले का रहने वाला था। वह अपने एक रिश्तेदार के यहां केरल में रह रहा था। बताया जा रहा है कि वह रास्ता भटक गया था और मदद मांगने की कोशिश कर रहा था, लेकिन कुछ लोगों ने उसे चोर समझ लिया। इसके बाद उससे सवाल-जवाब किए गए और उसकी पिटाई कर दी गई।
पोस्टमार्टम रिपोर्ट के मुताबिक, कई गंभीर आंतरिक चोटों (इंटरनल इंजरीज़) के कारण उसकी मौत हुई। फिलहाल, केरल सरकार में राजस्व मंत्री K. Rajan ने कहा है कि पीड़ित परिवार को ₹10 लाख से कम की आर्थिक सहायता नहीं दी जाएगी। वहीं, इस मामले को लेकर पलक्कड़ के पुलिस अधीक्षक Ajith Kumar ने बताया कि एक स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम (SIT) का गठन कर दिया गया है। अब तक पांच लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है और जांच जारी है, ताकि यह पता लगाया जा सके कि इस हत्या में और कौन-कौन लोग शामिल थे।
