अयोध्या में जनवरी 2024 में भगवान राम लला अपने मंदिर में विराजमान हो जाएंगे। श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के सचिव चंपत राय ने सोमवार को इस बात की जानकारी मीडिया को देते हुए बताया कि श्रीराम मंदिर के गर्भगृह का निर्माण दिसंबर 2023 तक पूरा हो जाएगा। लेकिन राम लला मंदिर में मकर संक्रांति के बाद सूर्य उत्तरायण होने पर शुभ मुहूर्त में विराजेंगे।

उन्होंने बताया कि मकर संक्रांति से पहले सूर्य दक्षिणायन रहेंगे। इस दौरान किसी भी तरह का शुभ कार्य नहीं होता है। इसलिए भगवान राम लला के विराजमान के लिए मकर संक्रांति तक प्रतीक्षा की जाएगी। उसके बाद शुभ मुहूर्त और वैदिक विधान से अनुसार भगवान मंदिर में विराजमान होंगे।

ट्रस्ट और मंदिर निर्माण समिति की दो दिवसीय संयुक्त बैठक के बाद चंपत राय ने बताया कि अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण के लिए अनुमानित 1,800 करोड़ रुपये की लागत आएगी। मंदिर निर्माण के लिए सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर गठित श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने रविवार को यहां मैराथन बैठक के बाद इसके नियमों और नियमावली को मंजूरी दे दी। फैजाबाद सर्किट हाउस में हुई बैठक में ट्रस्ट के सदस्यों ने भी सर्वसम्मति से मंदिर परिसर में प्रमुख हिंदू संतों की मूर्तियों के लिए जगह बनाने का निर्णय लिया।

प्रमुख हिंदू संतों और रामायण काल के मुख्य पात्रों की मूर्तियां भी रखी जाएंगी

उन्होंने कहा कि ट्रस्ट ने मंदिर परिसर में प्रमुख हिंदू संतों और रामायण काल के मुख्य पात्रों की मूर्तियों के लिए जगह बनाने का भी फैसला किया है।राय ने कहा कि बैठक में ट्रस्ट के 15 सदस्यों में से 14 ने भाग लिया।

श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के ट्रस्टी कामेश्वर चौपाल ने कहा, ‘हम सबका प्रयास है सभी परिस्थितियां ठीक-ठाक रही तो हम लोग मकर संक्रांति के आसपास जो मुहूर्त होगा उसमें प्रभु श्री राम को भव्य दिव्य मंदिर में प्रतिष्ठित करेंगे।’ 

निर्माण समिति के अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्रा, ट्रस्ट के अध्यक्ष महंत नृत्य गोपाल दास, कोषाध्यक्ष गोविंद देव गिरि, सदस्य उडुपी पीठाधीश्वर विश्वतीर्थ प्रसन्नाचार्य, डॉ अनिल मिश्रा, महंत दिनेंद्र दास, कामेश्वर चौपाल और पदेन सदस्य जिलाधिकारी नीतीश कुमार सहित अन्य लोग मौजूद रहे, जबकि केशव पाराशरन, युगपुरुष परमानंद, विमलेंद्र मोहन प्रताप मिश्रा और पदेन सदस्य राज्य प्रमुख सचिव गृह संजय कुमार ने वर्चुअल रूप से भाग लिया।