22 जनवरी को राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम में विपक्ष के कौन-कौन से नेता शामिल होंगे, यह अभी बड़ा सवाल बना हुआ है। मध्य प्रदेश के पूर्व सीएम कमलनाथ से जब इस बारे में सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि राम मंदिर सभी का है। इसके बारे में क्रेडिट लेना का कोई सवाल ही नहीं बनता। उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने जिस समय फैसला सुनाया, तब बीजेपी सत्ता में थी इसलिए यह बीजेपी की जिम्मेदारी थी कि वह मंदिर का निर्माण करे। मंदिर जाने के सवा पर उन्होंने कहा, “मैं 22 जनवरी को नहीं जाऊंगा लेकिन मैं निश्चित ही किसी अन्य दिन वहां जाऊंगा।”
ममता बोलीं- बीजेपी कर रही नौटंकी
राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम से पहले चल रहे कार्यक्रम को लेकर बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की भी प्रतिक्रिया आई है। उन्होंने कहा है कि लोकसभा चुनाव से पहले राम मंदिर उद्घाटन के जरिए भाजपा ‘नौटंकी ‘ कर रही है। ममता बनर्जी ने कहा कि वह ऐसे उत्सवों का समर्थन नहीं करतीं जिसमें अन्य समुदाय शामिल न हों।
बंगाल के २४ परगना में एक कार्यक्रम में उन्होंने कहा कि वह मानती हैं कि उत्सवों में सभी समुदाय और लोगों को साथ लेकर चलना चाहिए और एकता के बारे में बात करनी चाहिए। बीजेपी यह कोर्ट के आदेश के तहत कर रही है लेकिन लोकसभा चुनाव से पहले नौटंकी कर रही है। उन्होंने कहा कि वह लोगों को धार्मिक आधार पर बांटने में विश्वास नहीं रखती हैं।
हिमाचल के सीएम बोले- अयोध्या जाने के लिए आमंत्रण की जरूरत नहीं
हिमाचल प्रदेश के सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा है कि उन्हें अयोध्या जाने के लिए किसी भी तरह के आमंत्रण की जरूरत नहीं है। हालांकि उन्होंने कहा कि वे प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम के बाद रामलला के दर्शन करेंगे। सीएम सुक्खू से पहले उनकी सरकार में मंत्री विक्रमादित्य सिंह राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम में शामिल होने की बात कह चुके हैँ। विक्रमादित्य सिंह हिमाचल के पूर्व सीएम वीरभद्र सिंह के बेटे हैं।