आज रक्षाबंधन का त्योहार है। अनमता अहमद ने शिवम मिस्त्री की कलाई पर राखी बांधी है। उसका भाई उसे देख रहा है और वहां पर मौजूद कुछ लोगों की आंखों में आंसू आ गए। हालांकि, यह सिर्फ सांप्रदायिक सौहार्द की कहानी नहीं है। अनमता जिन हाथों से राखी बांध रही हैं, उनमें से एक शिवम की बहन रिया का था। नौ साल की रिया की सितंबर 2024 में मृत्यु हो गई।
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, सूरत में मौजूद एक एनजीओ की मदद से रिया का एक हाथ अनमना को ट्रांसप्लांट किया गया। वह 180 किलोमीटर दूर गोरेगांव मुंबई में रहती है। शिवम के पिता, बॉबी मिस्त्री भावुक हो गए। उन्होंने कहा, ‘हमने अनमता का हाथ छुआ और हमें लगा जैसे वह रिया हो। वह हमारे पूरे परिवार में इकलौती लड़की थी। हमें लगा जैसे हमारी बेटी अभी भी जिंदा है।’
रिया का परिवार अंगदान को राजी हो गया
अनमना दसवीं क्लास में थी, उस वक्त एक हाई-टेंशन तार के संपर्क में आने के बाद 2022 में डॉक्टरों को उसका सीधा हाथ काटना पड़ा। यहां तक कि उसका उलटा हाथ भी 20 पर्सेंट ही काम कर रहा था। करीब दो साल के बाद 13 सितंबर को वलसाड की चौथी क्लास की रिया बीमार पड़ गई। उसको उल्टियां होने लगीं और सिरदर्द की शिकायत होने लगी। कई हॉस्पिटलों में इलाज कराने के बाद, उसके माता-पिता ने उसे सूरत के किरण हॉस्पिटल में भर्ती कराया। सीटी स्कैन होने के बाद में पता चला कि उसका ब्रेन डेड हो गया है। इसके बाद रिया का पूरा परिवार हैरान हो गया।
लगभग इसी समय डोनेट लाइफ एनजीओ ने रिया के परिवार से संपर्क किया और उन्हें सलाह दी। इसके बाद ही वह अंगदान को राजी हो गए। SOTTO में रजिस्ट्रेशन कराया गया और रिया का सीधा हाथ काटकर मुंबई भेज दिया गया। डोनेट लाइफ एनजीओ के अध्यक्ष नीलेश मंडलेवाला ने इंडियन एक्सप्रेस को बताया कि 17 सितंबर को अनामता में यह ट्रांसप्लांट किया गया। रिया के गुर्दे और लीवर भी अन्य लोगों को दान कर दिए गए।
शिवम को राखी बांधने वलसाड आए- बॉबी
रक्षाबंधन से एक दिन पहले शुक्रवार को अनमता अपने मात-पिता के साथ वलसाई आईं। बॉबी ने बताया कि उन्हें एनजीओ की तरफ से आयोजित किए गए राखी समारोह के बारे में कोई भी जानकारी नहीं थी। बॉबी ने कहा, “यह हमारे लिए एक आश्चर्य की बात थी। मैं काम पर गया हुआ था जब मेरी पत्नी तृष्णा ने मुझे फोन किया और जल्दी घर आने को कहा। मैं और मेरा बेटा शुक्रवार दोपहर एक ही समय पर घर पहुंचे। मैंने देखा कि मेरा घर रिश्तेदारों, दोस्तों और डोनेट लाइफ के सदस्यों से भरा हुआ था। मैंने अकील अहमद को उनकी पत्नी और बेटी के साथ देखा और अनमता भी वहां मौजूद थीं। उन्हें देखकर मैं दंग रह गया। उन्होंने मुझे बताया कि वे शिवम को राखी बांधने वलसाड आए हैं। यह हमारे लिए एक यादगार पल था।”
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अनमता ने हाई-टेंशन बिजली के तार को छू लिया
वहीं अनमता के पिता अकील अहमद ने नवंबर 2022 के उस दिन को याद किया जब वह घायल हुई थी। उन्होंने कहा, “अनमता उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ में हमारे रिश्तेदारों के पास रहने गई थी। एक घर की छत पर खेलते समय, उसने गलती से पास से गुजर रहे एक हाई-टेंशन बिजली के तार को छू लिया। वह बेहोश हो गई और उसे अस्पताल में भर्ती कराया गया। हम उसे वापस मुंबई ले आए और ग्लोबल अस्पताल के डॉ. नीलेश सतभाई ने हमें बताया कि उसका सीधा हाथ काटना पड़ेगा। उसका उलटा हाथ भी केवल 20 पर्सेंट ही काम कर रहा था। वह उस समय दसवीं क्लास में थी और उसके बोर्ड के पेपर पास ही थे।”
अनमता के ठीक होने के प्रोसेस में बात करते हुए अकील ने कहा, “अनमता ने यूट्यूब पर व्यायाम के वीडियो देखे और अपने बाएं हाथ पर काम करना शुरू कर दिया। लगातार व्यायाम के बाद, हमें लगा कि वह ठीक हो रही है। उसे दर्द तो हुआ, लेकिन उसने हार नहीं मानी। साथ ही, उसने लिखने का अभ्यास भी शुरू कर दिया। उसने फिर से स्कूल जाना शुरू कर दिया और पूरे आत्मविश्वास के साथ अपनी क्लास में जाने लगी। 2023 में दसवीं के बोर्ड के पेपर में उसने 92% नंबर हासिल किए।”