बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और जनता दल यूनाइटेड (जेडीयू) के नेता आरसीपी सिंह के बीच तकरार के बीच जेडीयू ने रविवार (29 मई) को राज्य से जेडीयू के राज्यसभा उम्मीदवार के रूप में खीरू मेहतो के नाम की घोषणा की है। सीएम नीतीश ने केंद्रीय इस्पात मंत्री आरसीपी सिंह की जगह झारखंड जेडीयू के मौजूदा प्रदेश अध्यक्ष मेहतो पर भरोसा किया।

बिहार राज्यसभा चुनाव से जेडीयू ने केंद्रीय मंत्री आरसीपी सिंह का पत्ता साफ कर दिया है। जेडीयू ने खीरू मेहतो को बिहार राज्यसभा चुनाव के लिए अपना प्रत्याशी घोषित किया है। जेडीयू के एक वरिष्ठ नेता ने नाम न छापने की शर्त पर एएनआई को बताया, “नीतीश कुमार केंद्रीय मंत्री आरसीपी सिंह से नाखुश थे। उन्होंने जिस तरह से भाजपा के साथ निकटता बनाई और बीजेपी का समर्थन किया इस वजह से मुख्यमंत्री उनसे नाखुश थे।

बिहार के सीएम ने नहीं दिया टिकट: जेडीयू नेता ने आगे बताया कि अपना काम करने के बजाय आरसीपी सिंह ने भाजपा का समर्थन किया। इसलिए बिहार के सीएम ने उन्हें टिकट नहीं देने का फैसला किया। उन्होंने कहा कि आरसीपी सिंह उत्तर प्रदेश में गठबंधन के लिए भाजपा के साथ काम कर रहे थे, जिसके बाद खीरू मेहतो को टिकट देना साफ था। आरसीपी सिंह को राज्यसभा का टिकट नहीं मिलने पर उपेंद्र कुशवाहा ने कहा कि इसका ये मतलब कतई नहीं है कि RCP सिंह से कोई गलती हुई है। पार्टी जरूरत के हिसाब से कार्यकर्ताओं को जिम्मेदारी सौंपती है। RCP सिंह पार्टी के सम्मानित नेता हैं।

जनता दल यूनाइटेड के राज्यसभा उम्मीदवार खीरू मेहतो झारखंड के पूर्व विधायक रहे हैं। साल 2005 के झारखंड विधानसभा चुनाव में मांडू सीट से उन्होंने जीत दर्ज की थी और जेडीयू के टिकट से चुनाव जीतकर विधानसभा पहुंचे थे। सितंबर 2021 में पार्टी ने खीरू मेहतो को झारखंड के प्रदेश अध्यक्ष की कमान सौंपी थी।

गठबंधन का सम्मान करना चाहिए: वहीं, झारखंड में राज्यसभा की एक सीट को लेकर झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) और कांग्रेस के बीच अब तक कोई बात नहीं बन पाई है। शनिवार को इस मुद्दे पर कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन के बीच बैठक हुई थी। जिसके बाद इस मुद्दे पर आजतक से खास बातचीत में हेमंत सोरेन ने कहा कि मैं सीधी बात करना पसंद करता हूं लेकिन अभी गठबंधन से बंधा हूं जिसका सम्मान किया जाना चाहिए।