14 फरवरी को जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में हुए आतंकी हमले को लेकर केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि सरकार लोगों के भरोसे को नहीं तोड़ेगी और आतंकवादियों को मुंहतोड़ जवाब दिया जाएगा। इस दौरान उन्होंने कहा कि विरोध करने का अधिकार सभी को है, लेकिन मोदी विरोध का मतलब राष्ट्र विरोध बिल्कुल भी नहीं है।

मोदी का विरोध, राष्ट्र विरोध नहीं: ‘आज तक’ से खास बातचीत के दौरान गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने कई मुद्दों पर बात की। उन्होंने कहा कि लोकतंत्र में कोई भी विरोध जता सकता है। पीएम नरेंद्र मोदी के बारे में न जाने कैसे-कैसे अपशब्दों का प्रयोग किया गया है, लेकिन इसे राष्ट्र विरोध नहीं कह सकते और न ही हमने कभी ऐसा कहा है। हालांकि, राजनीतिक पार्टियों को किसी भी संवैधानिक पद पर आरोप लगाने से पहले विचार करना चाहिए।

पुलवामा हमले पर राजनीति करना गलत: राजनाथ सिंह ने पुलवामा आतंकी हमले का जिक्र करते हुए कहा, ‘‘यह बहुत आश्चर्यजनक है कि कांग्रेस शहीदों के नाम पर भी राजनीति कर रही है। कांग्रेस के सभी आरोपों को राजनाथ ने बेबुनियाद बताया और जवानों की शहादत पर राजनीति न करने की सलाह दी।

इंदिरा गांधी का किया जिक्र, पीएम मोदी को बताया संवेदनशील: राजनाथ ने पीएम मोदी को बेहद संवेदनशील बताया। उन्होंने कहा कि पीएम मोदी ने हमले की सूचना मिलते ही लोगों से बातचीत शुरू कर दी थी। इस दौरान राजनाथ ने एक उदाहरण भी दिया। उन्होंने कहा कि हमारे नेता अटल बिहारी वाजपेयी ने बांग्लादेश के उदय से पहले 1971 में जो पाकिस्तान से युद्ध हुआ था। उस वक्त उन्होंने संसद में खड़े होकर इंदिरा गांधी की तारीफ की थी।

आतंकवाद के खिलाफ होगी निर्णायक जंग: राजनाथ ने पुलवामा हमले पर कहा कि इसका करारा जवाब दिया जाएगा। अब आतंकवाद के खिलाफ निर्णायक जंग लड़ी जाएगी। बड़ी बात है कि पीएम मोदी वैश्विक समुदाय को आतंकवाद के खिलाफ एक मंच पर लाने पर कामयाब हुए हैं। आज पूरा देश पुलवामा हमले की निंदा कर रहा है।