राजस्थान विधानसभा चुनाव में 115 सीटों के साथ जीत हासिल करने के बाद बीजेपी अब सीएम पद के लिए नाम पर मंथन में जुटी है। तीन पर्येवेक्षक चुने गए हैं और माना जा रहा है कि इन तीनों पर मुख्यमंत्री का नाम तय करने की ज़िम्मेदारी है। वहीं चर्चा अब यह भी है कि बीजेपी राजस्थान में भी उत्तर प्रदेश फोर्मूले पर काम कर सकती है। उत्तर प्रदेश फॉर्मूला यानी एक सीएम के साथ दो डिप्टी सीएम…ऐसा प्रदेश के जातिगत समीकरणों को ध्यान में रखते हुए किया जा सकता है। राजस्थान में राजपूत, ब्राह्मण, मीणा और जाट समुदायों की संख्या को ध्यान में रखकर बीजेपी अपनी सोशल इंजीनियरिंग को टटोल सकती है।
क्या ऐसा होना संभव है?
बीजेपी का मकसद फिलहाल एक ऐसी रणनीति को अंतिम रूप देना है जो 2024 के लोकसभा चुनावों से पहले पार्टी के आधार को मजबूत कर सके। हालांकि पार्टी नेताओं का कहना है कि किसी भी तरह के कयास पर कुछ भी कहना आसान नहीं है क्योंकि हर तरह का फैसला आलाकमान के अधीन है। टाइम्स ऑफ इंडिया की एक खबर के मुताबिक एक वरिष्ठ नेता ने नाम न छापने की शर्त पर कहा, “एक बार जब सीएम उम्मीदवार को अंतिम रूप दे दिया जाएगा और राज्य इकाई को सूचित कर दिया जाएगा, तो दो डिप्टी सीएम के चयन की दिशा में प्रयास किए जाएंगे।”
मंगलवार को हो सकता है ऐलान
सूत्रों की मानें तो राजस्थान में मुख्यमंत्री का नाम तय होने में अभी कुछ समय और लग सकता है। ऐसी भी खबरें सामने हैं कि राजनाथ सिंह मंगलवार को राजस्थान जाएंगे और विधायकों से मुलाकात करेंगे।
इसके बाद मुख्यमंत्री का चेहरा घोषित किया जाएगा। सवाल उठ रहे हैं कि सीएम फेस घोषित होने में देरी क्यों हो रही है? इस सवाल के कई जवाब हैं और कहा जा रहा है कि पार्टी किसी नए चेहरे को सामने लाने पर विचार कर रही है। हालांकि पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे की सक्रियता भी इस ओर इशारा कर रही है कि पार्टी उनके पक्ष को अनदेखा नहीं कर सकती है।