राजस्थान समेत पांच राज्यों में चुनावी बिगुल बज गया है। लिहाजा, सभी राजनीतिक दल विरोधियों के गढ़ में घुसकर उन्हें ललकारने की रणनीति पर अमल करने लगे हैं। इसी क्रम में कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी को अंतिम समय में अपने चुनावी दौरे में फेरबदल करना पड़ा। सूत्रों के मुताबिक उन्हें मंगलवार (09 अक्टूबर) को बीकानेर और जयपुर में चुनावी सभा करनी थी लेकिन भाजपा की रणनीतिक काट के लिए उन्हें धौलपुर पहुंचना पड़ा। धौलपुर मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे का गढ़ माना जाता है और उसके आसपास लगभग 34 विधान सभा सीटें आती हैं। दरअसल, भाजपा की तरफ से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चुनाव की तारीखों के ऐलान वाले दिन यानी (06 अक्टूबर, शनिवार) को राजस्थान कांग्रेस के अध्यक्ष और विपक्ष के सीएम कैंडिडेट समझे जा रहे सचिन पायलट के गढ़ रहे अजमेर में चुनावी सभा कर राज्य में अपने अभियान की शुरुआत की। भाजपा की कोशिश थी कि कांग्रेस के गढ़ में घुसकर उन्हें चुनौती दी जाय। इसके बाद कांग्रेस ने भी जवाबी तौर पर फौरन अपनी रणनीति बदली।
बता दें कि कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष सचिन पायलट साल 2009 से 2014 तक अजमेर से सांसद रहे हैं। 2004 में वो दौसा से सांसद चुने गए थे। भाजपा की कोशिश थी कि सचिन पायलट के गढ़ में उतरकर पीएम मोदी के जरिए उन्हें पटखनी दी जाय। इसी रणनीति पर चलते हुए कांग्रेस ने तीन दिन बाद अपने अध्यक्ष राहुल गांधी को वसुंधरा के गढ़ में उतारा। धौलपुर के आसपास लगभग 23 विधान सभा सीटें आती हैं। धौरपुर की सभा में राहुल गांधी, सचिन पायलट और अशोक गहलोत ने वसुंधरा पर ताबड़तोड़ हमले किए। मंगलवार (09 अक्टूबर) को पायलट ने धौलपुर की सभा में आरोप लगाया किसीएम वसुंधरा राजे ने धौलपुर के साथ सौतेला व्यवहार किया। उन्होंने कहा कि पिछड़ा जिला होने के बावजूद सीएम ने पिछले पांच सालों में धौलपुर के विकास के लिए कोई काम नहीं किया।
राहुल गांधी ने धौलपुर से ही राजस्थान में अपने चुनावी अभियान की शुरुआत की है। बुधवार (10 अक्टूबर) को बीकानेर और जयपुर में सभा का कार्यक्रम है। बुधवार को ही राहुल जयपुर में कांमग्रेस की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में हिस्सा लेंगे। बता दें कि राजस्थान में वसुंधरा राजे सरकार के खिलाफ एंटी इनकमबेंसी फैक्टर हावी है। सर्वे में भी संभावना जताई गई है कि वहां कांग्रेस को बहुमत मिल सकती है। वैसे राजस्थान में पिछले कई चुनावों से एक ट्रेंड सा बन गया है कि सत्ताधारी पार्टी की वापसी नहीं होती है।