कर्नाटक विधानसभा चुनाव में ऐतिहासिक जीत दर्ज करने के बाद अब कांग्रेस अशोक गहलोत और सचिन पायलट के मुद्दे को सलुझाने में जुटेगी। इस साल के आखिर में राजस्थान में विधानसभा चुनाव होने हैं, उससे पहले पार्टी गहलोत और पायलट के बीच सुलह कराने की कोशिश में है। सचिन पायलट ने पिछले कुछ दिनों से अशोक गहलोत के खिलाफ मोर्चा खोल रखा है। उन्होंने जन संघर्ष यात्रा भी निकाली थी। दोनों नेताओं के बीच काफी समय से विवाद चला आ रहा है।
इस बीच, कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कल (26 मई, 2023) एक मीटिंग बुलाई है, जिसमें राजस्थान सीएम अशोक गहलोत, पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट और पीसीसी कमेटी के प्रमुख गोविंद सिंह डोटासरा शामिल होंगे। जानकारों के मुताबिक, मीटिंग में पार्टी राजस्थान के मुद्दों पर तो चर्चा करेगी ही, लेकिन उसकी प्राथमिकता दोनों नेताओं के बीच सुलह कराने की होगी क्योंकि पार्टी यह नहीं चाहेगी कि उनके मनमुटाव का कोई भी असर राजस्थान चुनाव पर पड़े और उसे इसका खामियाजा भुगतना पड़े।
मीटिंग में राज्य के अन्य प्रमुख नेता भी शामिल होंगे। पार्टी सूत्रों के मुताबिक, यह मीटिंग राजस्थान विधानसभा चुनाव से पहले सभी नेताओं को एक पेज पर लाने का एक प्रयास है। बैठक में होने वाले अन्य मुद्दों में सरकार का प्रदर्शन, मंत्रियों और विधायकों पर एक सर्वेक्षण रिपोर्ट, प्रमुख चुनावी मुद्दे, उम्मीदवारों की घोषणाएं और गुटों से निपटने के फॉर्मूले पर चर्चा शामिल है। एआईसीसी प्रभारी एसएस रंधावा ने कहा कि यह बैठक विधानसभा चुनाव की तैयारियों के संबंध में है,यह विशेष रूप से किसी व्यक्तिगत मुद्दे से संबंधित नहीं है।
रंधावा सचिन पायलट मामले में काफी मुखर रहे हैं, उन्होंने दिल्ली में मीडिया से बात करते हुए कहा, “मेरे लिए राज्य में सिर्फ गहलोत और पायलट ही नेता नहीं हैं। हमारे पास और भी नेता हैं। मैं हर नेता के बारे में बात कर रहा हूं।” उधर, कांग्रेस विधायक और पंजाब राज्य के पार्टी प्रमुख हरीश चौधरी ने कहा कि सचिन पायलट ने कोई अलटीमेटम नहीं दिया, लेकिन वह पार्टी हाईकमान से बात करना चाहते हैं और उनकी प्राथमिकता सरकार और जनता के बीच समन्वय स्थापित करना है।
सचिन पायलट पेपर लीक मामले में जांच की मांग कर रहे हैं, जिसके चलते उन्होंने अपनी ही सरकार के खिलाफ मोर्चा खोला हुआ है। हरीश चौधरी ने कहा कि अगर उनकी मांग पूरी नहीं की गईं तो वह पूरे राज्य में आंदोलन करेंगे। उन्होंने कहा, “विधानसभा के अंदर और बाहर इस मुद्दे पर उनका रुख हमेशा स्पष्ट रहा कि किसी भी कीमत पर छात्रों के साथ अन्याय नहीं होना चाहिए। राजस्थान के युवाओं के साथ कोई अन्याय नहीं होना चाहिए। देश में बेरोजगारी है…. हमें उनके खिलाफ आवाज उठानी चाहिए।” चौधरी ने यह भी दावा किया कि राजस्थान सरकार और कांग्रेस पार्टी भ्रष्टाचार के प्रति जीरो टॉलरेंस की है और जो भी भ्रष्टाचार में शामिल है, उसके खिलाफ कार्रवाई की जाती है।