Udaipur Murder News In Hindi: राजस्थान के उदयपुर में मंगलवार की शाम एक दर्जी की दो युवकों ने हत्या कर दी। कन्हैयालाल नाम के दर्जी की दो युवकों ने गला रेत कर हत्या की। दर्जी कन्हैया लाल अपने दुकान में काम कर रहे थे, इस दौरान उनके पास दो युवक आए और उन्होंने उनसे पूछा कि झब्बा पजामा सिल दोगे क्या? घटना का वीडियो भी सामने आया है और उसमें कन्हैया लाल हत्यारे युवक का नाप लेते हुए दिखाई दे रहे हैं।

उदयपुर में घटना के बाद 7 घंटे तक काफी बवाल होता रहा। परिजनों ने भी शव को सड़क पर रखकर प्रशासन से न्याय की मांग की और प्रशासन से आश्वासन मिलने के बाद ही शव को ले जाया गया। वहीं गृह मंत्रालय ने घटना को गंभीरता से लेते हुए एनआईए की टीम को रवाना कर दिया गया है। एनआईए इस घटना को आतंकी साजिश का पता लगाने के इरादे से जांच करेगी।

दैनिक भास्कर की रिपोर्ट के अनुसार जब घटना हुई तो कन्हैया लाल के दो और कारीगर वहीं पर काम कर रहे थे। उन्होंने बताया कि दो युवक रियाज और मोहम्मद गौस नाम के, दुकान के अंदर आते हैं और पूछते हैं कि झब्बा और पैजामा सिल दोगे क्या? इसके बाद कन्हैयालाल कहते हैं क्यों नहीं सिलेंगे। फिर कन्हैयालाल उनका नाप लेने लगे। इसी दौरान उनके ऊपर धारदार हथियार से हमला किया गया। चश्मदीद ने बताया कि उसके ऊपर भी हमला किया गया लेकिन वह भागने में सफल रहा और कन्हैया लाल बाहर खून से लथपथ पड़े हुए थे।

राज्य में कानून व्यवस्था बनी रहे राजस्थान में मुख्य सचिव ने 24 घंटों तक पूरे राजस्थान में इंटरनेट बंद किए जाने के आदेश दिए हैं। राज्य के सभी जिलों में धारा 144 भी लागू की गई है। वहीं एमपी और यूपी में भी उदयपुर की घटना के बाद अलर्ट घोषित कर दिया गया है और संवेदनशील स्थलों पर विशेष निगरानी रखने के लिए कहा गया है।

कांग्रेस नेता आचार्य प्रमोद कृष्णम ने घटना की निंदा की है और राजस्थान सरकार से ही सवाल पूछा है। उन्होंने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से ट्वीट कर पूछा- “धमकी मिलने के बावजूद भी कन्हैया को सुरक्षा उपलब्ध क्यों नहीं करायी गयी। क़ातिलों के साथ साथ पुलिस प्रशासन भी बराबर का दोषी है। एसएसपी, डीआईजी के ख़िलाफ़ अभी तक कार्यवाही क्यों नहीं की गयी? क्या राजस्थान में सरकार का इक़बाल बिलकुल ख़त्म हो गया है?”

बताया जाता है कि कन्हैयालाल ने कुछ दिन पहले नूपुर शर्मा के समर्थन में पोस्ट किया था, जिससे युवक नाराज थे और उन्होंने धमकी भी दी थी। कन्हैयालाल को पुलिस ने गिरफ्तार भी किया था, लेकिन बाद में छोड़ दिया गया था। कन्हैया लाल ने पुलिस से सुरक्षा की गुहार भी लगाई थी।