राजस्थान के दौसा में महिला डॉक्टर के सुसाइड मामले में एक चौंकाने वाला खुलासा हुआ है। अस्पताल में प्रसव के दौरान जिस महिला की मौत हो गई, उसके पति ने कहा है कि उसने महिला डॉक्टर के खिलाफ कोई पुलिस शिकायत नहीं दी थी। हत्या के मामले में दर्ज केस के दबाव में आकर महिला डॉक्टर अर्चना शर्मा ने आत्महत्या कर ली थी।
लालूराम बैरवा ने कहा कि किसी ने उनसे एक कागज पर साइन करवाए थे। डॉ. अर्चना शर्मा द्वारा संचालित आनंद अस्पताल में लालूराम की पत्नी आशा देवी की मौत प्रसव के दौरान हो गई थी। इंडियन एक्सप्रेस से बात करते हुए बैरवा ने कहा, “मैंने कोई शिकायत नहीं दी थी, मैं एक मजदूर हूं। कोई मोटी बात होती है तो पढ़ लेता हूं, लिखना कम ही आता है मेरे को।.. मैं तब तनाव में था और किसी ने मुझसे कागज के एक टुकड़े पर साइन करवाए, मुझे याद नहीं है कि वह कौन था।”
पत्नी की मौत के बाद बैरवा और रिश्तेदार शव के साथ गांव वापस चले गए, लेकिन कुछ कथित स्थानीय भाजपा नेताओं के साथ अस्पताल लौट आए और शव के साथ अस्पताल के बाहर प्रदर्शन करने लगे। सूचना पाकर स्थानीय पुलिस मौके पर पहुंची और कथित तौर पर उचित कार्रवाई और जांच का आश्वासन दिया था। बाद में स्थानीय पुलिस ने डॉ अर्चना और उनके पति डॉ सुनीत उपाध्याय के खिलाफ आईपीसी की धारा 302 (हत्या) के तहत मामला दर्ज किया था।
भाजपा प्रदेश सचिव को पुलिस ने किया गिरफ्तार
महिला डॉक्टर अर्चना शर्मा के सुसाइड करने के मामले में पुलिस ने गुरुवार को भाजपा के प्रदेश सचिव जितेंद्र गोठवाल और एक अन्य को गिरफ्तार किया है। पुलिस ने भाजपा प्रदेश सचिव समेत दो लोगों को रंगदारी और आत्महत्या के लिए उकसाने के आरोप में गिरफ्तार किया है। जितेंद्र गोठवाल के आधिकारिक ट्विटर हैंडल से ट्वीट कर कहा गया कि गहलोत सरकार अपनी गलती और नाकामी छुपाने के मुझ बेगुनाह को षड्यंत्रपूर्वक फंसा रही है। भाजपा के प्रदेश सचिव ने अपने ऊपर लगे आरोपों को गलत बताया है और साथ ही अशोक गहलोत सरकार पर निशाना साधा है।
जितेंद्र गोठवाल ने ट्वीट किया, “कल आधी रात को मुझे गिरफ्तार करने जयपुर आवास पर पहुंची पुलिस, लालसोट की डॉ अर्चना शर्मा को आत्महत्या के लिए प्रेरित करने का दर्ज किया झूठा केस, लगाई IPC की धारा 306, कांग्रेस नेत्री प्रियंका गांधी को ट्रेन का टिकिट भिजवाने का लिया बदला।”
जानकारी के मुताबिक, सोमवार को डॉ अर्चना शर्मा और उनके पति द्वारा संचालित अस्पताल में प्रसव के दौरान प्रसूता की मौत हो गई थी। इसके बाद डॉ. अर्चना और उनके पति के खिलाफ आईपीसी की धारा 302(हत्या) के तहत केस दर्ज किया गया था, जिसके बाद तनाव में आकर डॉ. अर्चना शर्मा ने आत्महत्या कर ली थी।