भाजपा के वरिष्ठ विधायक घनश्याम तिवाड़ी ने रविवार को यहां मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के बंगला नंबर 13 को खाली कराने की मांग को लेकर एकात्म सत्याग्रह किया। पुलिस ने उन्हें इसकी इजाजत नहीं दी थी। इसके बावजूद तिवाड़ी अपने घर से ही पैदल निकले तो पुलिस ने उन्हें रोक कर हिरासत में ले लिया। तिवाड़ी को बाद में छोड़ दिया गया। भाजपा विधायक तिवाड़ी कई मुददों पर मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के खिलाफ मोर्चा खोले हुए हैं। तिवाड़ी ने बताया कि पुलिस ने उन्हें घर से निकलने के बाद ही हिरासत में ले लिया। तिवाड़ी ने बताया कि सत्याग्रह के लिए उनके करीब पांच हजार समर्थक इकट्ठा हो गए थे। उनके घर पर दीनदयाल वाहिनी के कार्यकर्ताओं ने तिवाड़ी को सत्याग्रह के लिए रवाना किया।

तिवाड़ी ने समर्थकों की सभा में कहा कि राजस्थान में मुख्यमंत्री राजे की वजह से एक बार फिर सामंतवाद शुरू हो गया है। इसके विरोध में ही उन्होंने अभियान छेड़ रखा है। राजे मुख्यमंत्री के लिए अधिकृत सरकारी बंगले में नहीं रहकर दूसरे सरकारी बंगले में रह रही है। ऐसा इसलिए किया गया कि राजे के पद पर नहीं रहने पर उन्हें मौजूदा बंगला खाली नहीं करवाया जा सके। इसके लिए सरकार ने पूर्व मुख्यमंत्रियों को सरकारी बंगला आवंटित करने का बिल पास कर रखा है। तिवाड़ी का कहना है कि इसके अलावा वसुंधरा राजे की कार्यशैली पूरी तरह से लोकतंत्र के लिए ठीक नहीं है।

तिवाड़ी ने रविवार को इमरजंसी के 42 साल पूरे होने के मौके पर ही यह कार्यक्रम रखा था। पुलिस ने बताया कि इस इलाके में धारा 144 लगी होने के कारण ही तिवाड़ी को मंजूरी नहीं दी गई थी। तिवाड़ी जब अपने समर्थकों के साथ मुख्यमंत्री आवास की तरफ निकले तो पुलिस ने उन्हें हिरासत में ले लिया। इसके बाद उन्हें जयपुर के जालुपुरा पुलिस थाने ले जाकर छोड़ दिया गया। तिवाड़ी का कहना है कि प्रदेश में भाजपा और आरएसएस से जुडेÞ कार्यकर्ता अपनी ही सरकार के मंत्रियों की कार्यशैली से नाराज हैं। तिवाड़ी पिछले तीन साल से सीएम राजे के खिलाफ हैं। बीजेपी ने उन्हें अनुशासनहीनता का नोटिस भी दिया, जिसका जवाब तिवाड़ी ने दे दिया है। प्रदेश भाजपा अध्यक्ष अशोक परनामी का कहना है कि तिवाड़ी पार्टी के लिए कोई मुद्दा नहीं हैं। तिवाड़ी के मामले में केंद्रीय अनुशासन समिति ही फैसला करेगी।