राजस्थान कांग्रेस में अशोक गहलोत और सचिन पायलट के बीच का विवाद अभी भी जारी है। प्रदेश में इस साल के अंत में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले पार्टी आलाकमान दोनों नेताओं के बीच के मतभेद खत्म करवाना चाहता है। हालांकि दोनों ही गुटों की तरफ से ऐसे संकेत मिलने दिखाई नहीं दे रहे हैं।
सोमवार को जब मीडिया ने अशोक गहलोत से सचिन पायलट को लेकर विभिन्न मीडिया रिपोर्ट्स में किए जा रहे दावों पर सवाल किए तो उन्होंने कहा, “मैंने अपने जीवन में कभी भी कांग्रेस में ऐसी परंपरा नहीं देखी है कि कोई नेता कुछ मांगता है या आलाकमान उससे पूछता है कि उसे कौन सा पद चाहिए…”
उन्होंने आगे कहा कि कांग्रेस का शीर्ष नेतृत्व और कांग्रेस पार्टी बहुत मजबूत हैं। कांग्रेस पार्टी इतनी मजबूत है कि ऐसी स्थिति पैदा ही नहीं होगी कि आप किसी को मनाने की पेश करें। न तो ऐसा कभी हुआ है और न ही ऐसा कभी होगा।
दोनों नेताओं से मिलेंगे खड़गे
अंग्रेजी वेबसाइट इंडियन एक्सप्रेस में छपी रिपोर्ट में सूत्रों के हवाले से बताया गया कि मल्लिकार्जुन खड़गे अशोक गहलोत और सचिन पायलट दोनों से अलग-अलग मुलाकात करेंगे। कांग्रेस आलाकमान ने दोनों नेताओं के विचार को समझने के लिए अपनी तरफ से पहल की है। दोनों नेताओं के बीच के मतभेदों को समझने के बाद दोनों की एकसाथ मीटिंग करवाई जा सकती है। न्यूज चैनल जी न्यूज द्वारा दी गई जानकारी के मुलाकात राहुल गांधी भी अशोक गहलोत और सचिन पायलट से एक-एक करके मुलाकात करेंगे।
खड़गे सुलझा चुके हैं सिद्धारमैया औऱ डीके के बीच का विवाद
राजस्थान से पहले मल्लिकार्जुन खड़गे कर्नाटक में सिद्धारमैया और डीके शिवकुमार के बीच का विवाद सुलझा चुके हैं। सूत्रों का कहना है कि वो अब राजस्थान में भी कर्नाटक की तरह ही कोई फॉर्मूला लगाने वाले हैं।
बीजेपी को बताया नाकारा
अशोक गहलोत ने कहा कि पीएम राजस्थान को बहुत महत्व दे रहे हैं। लोकल बीजेपी नाकारा साबित हुई। मैंने सुना है कि अमित शाह ने इनको डांटा था। ये कोई चेहरा भी नहीं लेकर आ रहे हैं। हर चुनाव में पीएम नरेंद्र मोदी के चेहरे पर लड़ रहे हैं। इनके पास धनबल की कमी नहीं है, ये लोगों को लड़ाना चाहते हैं। राजस्थान में इस बार भड़कने वाले नहीं हैं। इस बार हम सरकार बनाएंगे।