राजस्थान के उदयपुर में कांग्रेस का तीन दिवसीय नव संकल्प चिंतन शिविर जारी है। देशभर के कांग्रेस के करीब 400 से अधिक बड़े नेता उदयपुर पहुंचे हैं और चिंतन शिविर में हिस्सा ले रहे हैं। उदयपुर को इस समय छावनी में तब्दील कर दिया गया है और भारी संख्या में पुलिस बलों की तैनाती की गई है। इसी बीच बीजेपी सांसद किरोड़ी लाल मीणा ने एक बड़ा दावा किया है और उन्होंने कहा है कि वे उदयपुर में पूजा करना चाहते थे लेकिन प्रशासन ने ऐसा नहीं करने दिया।

अपने संवैधानिक अधिकारों का हनन बताते हुए बीजेपी राज्यसभा सांसद किरोड़ी लाल मीणा ने मीडिया से बात करते हुए कहा, मैं उदयपुर गया। एसपी भारी बल के साथ आए और बिना किसी कारण के मुझे हटा दिया। उन्होंने मुझे बीच में एक मंदिर में पूजा करने की भी अनुमति नहीं दी। मैंने उनसे इसके बारे में पूछा लेकिन उन्होंने सिर्फ इतना कहा कि मुझे अनुमति नहीं है। यह मेरे संवैधानिक अधिकारों का उल्लंघन है।”

दरअसल बीजेपी सांसद अचानक उदयपुर पहुंचे थे और पुलिस को सूचना मिली थी कि कांग्रेस के चिंतन शिविर के दौरान वे विरोध प्रदर्शन कर सकते हैं। इस कारण पुलिस उदयपुर में किरोड़ी लाल के होटल में पहुंची और उन्हें अजमेर लेकर चली आई। बीजेपी नेताओं ने पुलिस के इस रवैए का कड़ा विरोध जताया है।

वहीं किरोड़ी लाल मीणा ने वीडियो रिलीज कर कहा, “मेरा एक दोस्त उदयपुर में रहता है जिसके पिताजी का निधन हो गया था और अपने दोस्त के पिता को श्रद्धांजलि देने के लिए उदयपुर गया था। लेकिन एक एसपी और दो एडीएम मेरे होटल में पहुंचे और भारी पुलिस बल के साथ मुझे जबरन अजमेर ले आया गया। मैंने कोई असंवैधानिक काम नहीं किया है और ना ही मैंने कोई शांति भंग करने का प्रयास किया है।”

पुलिस द्वारा किरोड़ी लाल मीणा के साथ किए गए व्यवहार को लेकर बीजेपी नेताओं ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। राजस्थान बीजेपी अध्यक्ष सतीश पूनिया ने ट्वीट करते हुए लिखा, “अभी कुछ देर पूर्व किरोड़ी लाल जी से बात हुई, वो वहाँ एक कार्यकर्ता के यहाँ शोक संवेदना प्रकट करने गए हैं। तत्पश्चात् आदिवासी मेले में शामिल होते लेकिन उससे पूर्व ही तानाशाह अशोक गहलोत जी की पुलिस ने एक सांसद होते हुए उनके साथ जो बर्ताव किया वो निंदनीय है।”