Differences In Rajasthan Congress: राजस्थान में पार्टी नेताओं के मतभेद दूर नहीं हो रहे हैं। विधानसभा चुनाव का वक्त करीब आता जा रहा है लेकिन पार्टी के अंदर विभाजन साफ नजर आ रही है। राज्य के पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट ने सोमवार को कांग्रेस कार्यकर्ताओं से कहा कि आपस में कीचड़ उछालने से बचें और पार्टी को मजबूत बनाएं। इस दौरान उन्होंने इशारों-इशारों में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पर भी तंज कसा। कहा कि अगर समर्थन नहीं कर सकते हैं तो एक-दूसरे का नीचा भी न दिखाएं। अशोक गहलोत अक्सर खुल तौर पर सचिन पायलट की आलोचना करते रहते हैं।
सूत्रों का कहना है कि पायलट खेमे का मानना है कि अगर कांग्रेस 2023 के विधानसभा चुनाव में राजस्थान की सत्ता पर अपना कब्जा बरकरार रखना चाहती है तो सचिन पायलट को मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार बनाया जाना चाहिए। 2018 में कांग्रेस की जीत के बाद पायलट मुख्यमंत्री पद के प्रबल दावेदार थे, लेकिन पार्टी ने अधिक वरिष्ठ और अनुभवी अशोक गहलोत को चुना।
दौसा के निहालपुरा-अचलपुरा में पायलट के 45वें जन्मदिन पर आयोजित एक बैठक के दौरान कांग्रेस नेता ने कहा, “हमें एक-दूसरे को नीचे गिराने के बजाय एक-दूसरे की ताकत बनने की जरूरत है। हम किसी को खुश करने के लिए नारे नहीं लगा सकते हैं, तो कम से कम उनका विरोध तो न करें।” कहा कि हम किसी के बारे में अच्छा नहीं बोल सकते हैं, तो गलत टिप्पणी करने में भी हम शामिल न हों।
कहा- रास्ता लंबा और थकाऊ है, लेकिन आगे बढ़ना है
पार्टी कैडर के लिए पायलट ने एक संदेश दिया और कहा, यदि कोई मतभेद हों तो उनको हल करने के लिए सावधानी से कदम बढ़ाने पड़ते है। कांग्रेस अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव जीतने और सत्ता को बनाए रखन के लिए प्रयास में लगी है। कार्यकर्ताओं से उन्होंने कहा, “हमें सबको साथ लेकर चलना है। रास्ता बहुत लंबा और थकाऊ है। लेकिन हमें साथ रहना है। हमें आगे बढ़ना है और राजस्थान को एक विकसित राज्य में बदलना है।”
कहा कि वे एक ऐसे राज्य की कल्पना करें जहां अमीर-गरीब विभाजन न हो और जहां दलितों और आदिवासियों का शोषण न हो। इस मौके पर मंत्री मुरारी लाल मीणा, विधायक खिलाड़ी लाल बैरवा, गजराज खटाना और वेदप्रकाश सोलंकी मौजूद थे।