राजस्थान से राज्यसभा की चारों सीटों को जीतने के लिए भाजपा ने अपने सभी विधायकों को एक होटल में एकत्रित कर लिया है। इनमें उसके समर्थक निर्दलीय विधायक भी शामिल हैं। निर्दलीय उम्मीदवार कमल मोरारका के खेमे को गुरुवार को उस समय झटका लगा जब उसके समर्थन वाले दो विधायक भाजपा की तरफ चले गए। जमींदारा पार्टी से जुड़ी दो महिला विधायक भाजपा विधायकों की बाडाबंदी वाले होटल में पहुंच गर्इं। अब भाजपा ने दावा किया कि उसकी जीत तय है और विपक्ष के कई विधायक भी उनके संपर्क में है। दूसरी तरफ कांग्रेस विधायक दल की भी गुरुवार को हुई बैठक में भाजपा के विरोध में निर्दलीय उम्मीदवार मोरारका का समर्थन करने का फैसला किया गया।

राज्य में राज्यसभा की सभी चारों सीटों की जीत पक्की करने के मकसद से भाजपा ने अपने सभी विधायकों को यहां एक होटल में प्रशिक्षण के नाम पर जमा किया है। इन विधायकों को किसी भी बाहरी आदमी से संपर्क नहीं करने दिया जा रहा है। इसके साथ ही होटल में जैमर लगा कर उनके मोबाइल फोन भी जाम कर दिए गए हैं। विधायकों को मीडिया से बात करने की भी छूट नहीं है। भाजपा को उस समय बड़ी कामयाबी मिल गई जब उसके विरोध में माने जानी वाली जमींदारा पार्टी की दो विधायक कामिनी जिंदल और सोना देवी उसके पक्ष में आ गर्इं। इन दोनों विधायकों ने होटल में पहुंच कर भाजपा विधायकों के साथ मतदान प्रशिक्षण में हिस्सा लिया। दोनों विधायकों की भाजपा के अन्य विधायकों के साथ बैठे हुई फोटो भी पार्टी ने जारी की है। भाजपा ने अपने सभी विधायकों को होटल में तीन दिन तक रहने के लिए निर्देश दिए हैं।

सरकार की कार्यशैली से खफा चल रहे वरिष्ठ विधायक घनश्याम तिवाडी विधायकों की इस बाडाबंदी में शामिल नहीं हुए है। तिवाडी का कहना है कि उन्हें मतदान के लिए किसी प्रशिक्षण की जरूरत नहीं है। उन्हें इसका अनुभव है। बाडाबंदी में शामिल नहीं होने के सवाल पर उन्होंने कहा कि इसका जवाब प्रदेश अध्यक्ष अशोक परनामी और मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ही दे सकती है। परनामी का कहना है कि यह कोई विधायकों की बाडाबंदी नहीं है। इसमें विधायकों को मतदान का प्रशिक्षण दिया जा रहा है। पार्टी के ज्यादातर विधायक पहली बार राज्यसभा के लिए मतदान करेंगे। इसलिए उनसे कोई चूक नहीं हो, इसके बारे में पूरी जानकारी दी जाएगी।

भाजपा ने केंद्रीय मंत्री वैंकेया नायडू, राष्ट्रीय उपाध्यक्ष ओमप्रकाश माथुर, डूंगरपुर के पूर्व राजघराने के हर्षवर्धन सिंह और दलित वर्ग के रामकुमार वर्मा को उम्मीदवार बनाया है। विधानसभा की संख्या बल के हिसाब से भाजपा के चारों उम्मीदवारों की जीत तय मानी जा रही है। दूसरी तरफ पूर्व सांसद व उद्योगपति कमल मोरारका निर्दलीय के तौर पर मैदान में है। उन्हें कांग्रेस और अन्य निर्दलीय विधायकों को समर्थन हासिल है। इसके बावजूद उन्हें जीत के लिए जरूरी 41 वोटों में पांच की कमी है। जमींदारा पार्टी की दो विधायकों के खेमा बदल लेने से मोरारका के पास अब दो और विधायकों की कमी हो गई है। प्रतिपक्ष के नेता रामेश्वर डूडी की अध्यक्षता में गुरुवार को कांग्रेस विधायक दल की बैठक हुई। इसमें पार्टी के सभी 24 विधायकों को मोरारका के पक्ष में वोट देने का फैसला किया गया। बैठक में प्रदेश अध्यक्ष के साथ ही पार्टी के कई नेता मौजूद थे।