राजनीतिक विश्लेषक, सैफोलॉजिस्ट और सी वोटर के संस्थापक यशवंत देशमुख ने ऐसा दावा किया है, जिससे बीजेपी की टेंशन बढ़ सकती है। उन्होंने कहा कि 17 विधानसभा सीटों के ट्रेंड को सभी 200 विधानसभा सीटों पर लागू करें तो कांग्रेस धमाकेदार ढंग से वापसी करने जा रही है। कांग्रेस को 140 सीटें मिलने की उम्मीद हैं, जो पिछली बार के मुकाबले 119 सीटें ज्यादा हैं। वहीं, बीजेपी को महज 53 सीटें मिलेंगी, जो पिछले बार के मुकाबले 109 सीटें कम हैं। बता दें कि बीजेपी को 2013 में 162, कांग्रेस को 21 जबकि अन्य को 17 सीटें मिली थीं। बता दें कि राजस्थान और पश्चिम बंगाल में हुए उप चुनावों के नतीजों में गुरुवार (1 फरवरी) को बीजेपी को बड़ा झटका लगा है। गुरुवार को हुई मतगणना के बाद अलवर लोकसभा सीट के अलावा मांडलगढ़ विधानसभा सीट पर कांग्रेस ने जीत दर्ज की है। अजमेर लोकसभा सीट पर भी कांग्रेस के रघु शर्मा ने जीत दर्ज की है।

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अलवर सीट से कांग्रेस उम्‍मीदवार करण सिंह यादव ने बीजेपी के जसवंत सिंह यादव को 1,56,319 वोट से हरा दिया। वहीं, मांडलगढ़ विधानसभा सीट पर कांग्रेस उम्‍मीदवार विवेक धाकड़ ने भाजपा के शक्ति सिंह को 12,976 मतों से हराया। राजनीतिक जानकार मानते हैं कि राज्य में हुए पिछले विधानसभा चुनाव और 2014 आम चुनाव में मिली करारी शिकस्त के बाद ये जीत कांग्रेस के लिए नई ताकत का काम करेगी। राजस्थान में इसी साल होने वाले विधानसभा चुनाव के मद्देनजर ये नतीजे और अहम हो जाते हैं। देशमुख ने उपचुनाव के ट्रेंड के आधार पर ही 17 विधानसभाओं के आंकड़ों के आधार पर पूरे राज्‍य के चुनावी नतीजों का अनुमान लगाया है।

वहीं, पश्चिम बंगाल में हुए उप चुनावों में बीजेपी दूसरे नंबर पर रही है। सत्ता पर काबिज तृणमूल ने नोआपारा और उलुबेरिया सीट पर जीत हासिल की है। नोआपारा में कांग्रेस एमएलए मधुसूदन घोष की मौत की वजह से उपचुनाव हुए हैं। यहां तृणमूल के सुनील सिंह ने बीजेपी के संदीप बनर्जी को 63,000 से ज्यादा मतों से हराया। यहां कांग्रेस प्रत्याशी की जमानत जब्त हो गई। उलुबेरिया लोकसभा सीट पर तृणमूल की सजदा अहमद ने बीजेपी के अनुपम मलिक से 4 लाख से ज्यादा वोटों से हराया। यह सीट सजदा के पति सुल्‍तान अहमद के निधन के कारण खाली हुई थी।