Rajastah Politics : राजस्थान (Rajasthan) की सियासत एक बार फिर चर्चा में है। राजस्थान सरकार के पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट (Sachin Pilot) ने विधानसभा चुनाव से पहले पूरे राजस्थान में रैलियां करने की योजना बनाई है। जिसे राज्य की सियासत में उनके दबदबे और कांग्रेस आलाकमान के सामने अपनी ताकत दिखाने की नजर से देखा जा रहा है।

खबरों की मानें तो सचिन पायलट (Sachin Pilot) ने 16 जनवरी से प्रदेश में सभाओं और जनसंपर्क की शुरुआत करने की घोषणा की है। एनडीटीवी की खबर के मुताबिक सचिन पायलट के जनसंपर्क को लेकर एक चर्चा यह भी है कि इससे गहलोत-पायलट के बीच की खींचतान एक बार फिर उजागर हो सकती है। हालांकि सचिन पायलट के करीबी इस चर्चा को खारिज करते हुए कहते हैं कि उनका कदम युवाओं और किसानों के लिए भारत जोड़ो यात्रा के बाद के उत्साह को बनाए रखने और विधानसभा से पहले पार्टी के लिए मजबूत स्थिति बनाए रखने को लेकर है।

क्या है सचिन पायलट का प्लान

सचिन पायलट के विधानसभा चुनाव से पहले मैदान में उतरने को लेकर पर्यवेक्षकों का कहना है कि राजस्थान की राजनीति में उनका प्रासंगिक बने रहना जरूरी है। क्योंकि प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा खुद को जमीनी संगठन के काम में व्यस्त रखते हैं और मुख्यमंत्री अशोक गहलोत खुद अपना आखिरी बजट पेश करने जा रहे हैं।

पूर्व उपमुख्यमंत्री कथित तौर पर यह सुनिश्चित करने के लिए जाट बहुल क्षेत्रों में जाने की योजना बना रहे हैं कि 2003 या 2013 की तरह पार्टी का सफाया न हो। पायलट के करीबी एक नेता कहते हैं कि बीजेपी आक्रामक तरीके से प्रचार कर रही है और हम सुस्त नहीं रह सकते हैं। हालांकि सूत्रों ने कहा कि सचिन पायलट के अभियान में श्री राहुल गांधी की हामी है। उन्होंने कहा कि उन्होंने अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी (AICC) से अनुमति नहीं ली थी।

गहलोत-पायलट के बीच क्या सब ठीक है ?

राजस्थान विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस गहलोत-पायलट विवाद से बचना चाह रही है। गहलोत-पायलट के बीच टसल 2018 में कांग्रेस की राजस्थान की जीत के बाद शुरू हुआ था। उस वक्त दोनों ने मुख्यमंत्री पद को लेकर दावेदारी की थी। यह विवाद बढ़कर बहुत आगे तक गया। हाल ही में कई मामले ऐसे हुए जब दोनों के बीच का यह विवाद सामने आता रहा। 2020 में पायलट ने उनका समर्थन करने वाले 20 विधायकों के साथ विद्रोह कर दिया था और हफ्तों तक दिल्ली में डेरा डाले रखा था। लेकिन फिलहाल भारत जोड़ो यात्रा के बाद से दोनों खेमों में नरमी दिखाई देती है।