राजस्थान में कांग्रेस सरकार में मची उठापठक के बीच मुख्यमंत्री अशोक गहलोत अपनी सरकार को बचाने के लिए नए गेम प्लान में जुट गए हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार सीएम गहलोत नई रणनीति के तहत सरकार में दो उपमुख्यमंत्री का फॉर्म्यूला लागू कर सकते हैं।

इसके अलावा पायलट खेमे के असंतुष्ट विधायकों को भी मंत्री बनाया जा सकता है। खबर है कि इसके लिए गहलोत अपने समर्थक मंत्रियों से इस्तीफा भी दिलवा सकते हैं। बताया जा रहा है कि मुख्यमंत्री प्रदेश सरकार में किसी भी तरह की टूट से बचाने के लिए सात मंत्री व 15 संसदीय सचिव भी बना सकते हैं। खास बात है कि इस पूरी कवायद में जातीय समीकरणों का भी पूरा ध्यान रखा जाएगा।

दो डिप्टी सीएम में से एक डिप्टी सीएम गुर्जर समुदाय से होगा। चूंकि पायलट गुर्जर समुदाय से थे ऐसे में गुर्जर वोटर्स पार्टी से ना छिटके इसके लिए इस तरह का कदम उठाए जाने की संभावना है। मालूम हो कि पायलट की बर्खास्तगी के बाद अलवर, टोंक सहित कई जिलों में उनके समर्थकों ने संगठन के विभिन्न पदों से इस्तीफा दे दिया था। प्रदेश में कुछ जगहों पर उनके सड़क पर भी उतरने की भी खबरें आई थीं।

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने मंगलवार शाम मंत्रिमंडल और मंत्रिपरिषद की बैठक बुलाई थी। इसके बाद से मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर चर्चा ने जोर पकड़ लिया है। मंत्रिमंडल विस्तार में जिन लोगों के नाम सबसे आगे चल रहे हैं उनमें अनुसूचित जाति कोटा से खिलाड़ी लाल बैरवा, गुर्जर कोटे से जितेंद्र सिंह या शकुंतला रावत और ब्राह्मण कोटे से महेश जोशी शामिल हैं।

नए मंत्रिमंडल में नरेंद्र बुढ़ानियां, लाखन मीणा, जोगेंद्र अवाना, राजेंद्र गुढ़ा, राजकुमार शर्मा को मंत्री बनाए जाने की संभावना है। मालूम हो कि सचिन पायलट सहित उनके समर्थक माने जाने वाले कई विधायक सोमवार और मंगलवार को यहां हुई पार्टी की विधायक दल की बैठक में शामिल नहीं हुए। कुल 19 विधायक बैठक से बाहर रहे थे।

कांग्रेस ने अशोक गहलोत सरकार को गिराने की साजिश में शामिल होने के आरोप में सचिन पायलट को उप मुख्यमंत्री और राजस्थान प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष पद से हटा दिया गया था। वहीं उनके दो और मंत्रियों को मंगलवार को उनके पदों से बर्खास्त कर दिया।

इस संबंध में कांग्रेस महासचिव और राजस्थान के प्रभारी अविनाश पांडे ने आज कहा कि अगर प्रदेश के पूर्व उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट अपनी ‘गलतियों’ के लिए माफी मांग लें तो बात बन सकती है, लेकिन हर चीज की समयसीमा होती है।